SHEOPUR. मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में तीन शावकों समेत 6 चीते दम तोड़ चुके हैं। ये चीते नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से यहां लाए गए हैं। चीतों और उनके शावकों की लगातार मौत से मध्यप्रदेश सरकार और वन विभाग के साथ आम जनता भी चिंतित है। इन चीतों की सलामती के लिए श्योपुर के कराहल में कुछ युवाओं द्वारा महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जा रहा है। आयोजन कराहल के मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में हो रहा है।
बीमार चीतों के स्वस्थ होने की कामना
श्योपुर की तहसील कराहल के मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में स्थानीय युवा इन चीतों की सुरक्षा के लिए हवन-पूजन कर रहे हैं। ये युवा प्रार्थना कर रहे हैं कि अब कूनो में किसी चीते की मौत ना हो। साथ ही जो चीते बीमार हैं, वे भी पूरी तरह स्वस्थ हो जाएं।
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... तो क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी
इन युवाओं का कहना है कि लंबे अरसे के बाद भारत की भूमि पर चीतों को बसाया गया है। चीतों का कुनबा बढ़ता है तो क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। रोजगार के साधनों में बढ़ोतरी होगी, जिससे देश में समृद्धि आएगी। पंचायत सचिव गिर्राज पालीवाल ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्र के लोगों को चीतों की जिम्मेदारी सौंपी थी। उनकी लगातार मौत होने से क्षेत्र के विकास की संभावनाओं पर भी ब्रेक लगने की आशंका है।'
कूनो में अब 18 चीते ही बचे
पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर 2022 को अपने जन्मदिन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में छोड़ा था। इसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था। पहले 3 चीतों और फिर एक-एक कर 3 शावकों की मौत हो गई। अब कूनो में 18 चीते ही रह गए हैं।
कब-कब हुई चीतों की मौत
- 26 मार्च 2023 को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की मौत।