SHEOPUR. भारत में चीता प्रोजेक्ट को एक माह के अंतराल में दूसरा बड़ा झटका लगा है। वजह है मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए 8 चीतों में से एक मादा चीता साशा की 26 मार्च हो जाना और फिर 23 अप्रैल को दक्षिण अफ्रीकी चीते उदय की मौत हो जाना।
चंद सेकंड में लड़खड़ाकर गिरा चीता, चीते उदय की हुई मौत का वीडियो वायरल
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— TheSootr (@TheSootr) April 25, 2023
चीते की मौत कार्डियोपल्मोनरी फेलियर से होना मान रहे हैं
कूनो प्रबंधन ने 6 वर्षीय चीते उदय की मौत के बाद सोमवार को उसका पोस्टमार्टम कराया और उसके बाद ससम्मान उसका अंतिम संस्कार किया। हालांकि, पीएम रिपोर्ट देर रात तक भी तैयार नहीं हो पाई, लेकिन विभागीय अधिकारियों के मुताबिक कार्डियोपल्मोनरी फेलियर से चीते की मौत होना माना जा रहा है।
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प्रोटोकॉल के अनुसार उदय का अंतिम संस्कार किया गया
इससे पहले, सोमवार की सुबह साढ़े 10 बजे के आसपास चीता उदय का पोस्टमार्टम किया गया। जिसमें भोपाल वन विहार से आए डॉ. अतुल गुप्ता के नेतृत्व में दो सदस्यीय चिकित्सकीय दल ने उदय का पोस्टमार्टम करते हुए पूरी बारीकी से मौत के कारण जानने का प्रयास किया। साथ ही निर्धारित फार्मेट में पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की गई, जिसे भारत सरकार को भी भेजा जाएगा। पीएम के बाद कूनो प्रबंधन ने निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार उदय का अंतिम संस्कार कर दिया।
दो सदस्यीय वेटेरियन दल ने चीते के शव का पीएम किया
पीसीसीएफ जसवीर सिंह चौहान ने बताया कि रविवार को चीता उदय की मौत के बाद सोमवार को दो सदस्यीय वेटेरियन के दल ने चीता के शव का पीएम किया गया। जिसके बाद चीता के शव का प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है। शुरुआती तौर पर चीते की मौत की वजह कार्डियोपल्मोनरी फेलियर मानी जा रही है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
नामीबिया से 8 और साउथ अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे।
बहरहाल, देश में चीतों का इकलौता घर बने श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट परवान चढ़ रहा था। नामीबिया से 8 और साउथ अफ्रीका से 12 चीते लाकर यहां बसाए जा चुके थे। चीतों को चरणबद्ध तरीके से पहले क्वारन्टीन बाड़े फिर बड़े बाड़े और उसके बाद खुले जंगल में रिलीज करने का सिलसिला जारी है, लेकिन इसी बीच दो चीतों की मौत के बाद प्रोजेक्ट पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से 8 चीते लाकर बसाए गए थे। वहीं, इसी साल 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से भी 18 चीतों की दूसरी खेप लाई गई है। अब तक एक नामीबियाई मादा चीता और एक दक्षिण अफ्रीकी नर चीते की मौत के बाद वन विभाग सकते में है।