कूनो नेशनल पार्क में दूसरे चीते की मौत, शाम 4 बजे नर चीता उदय ने दम तोड़ा, एक मादा चीता की भी हो चुकी है मौत

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The Sootr
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कूनो नेशनल पार्क में दूसरे चीते की मौत, शाम 4 बजे नर चीता उदय ने दम तोड़ा, एक मादा चीता की भी हो चुकी है मौत

Sheopur. कूनो नेशनल पार्क में विदेश से लाए गए एक और चीते की मौत हो गई है। जिस चीते की इस बार मौत हुई है, उसका नाम उदय है, जिसे नामीबिया से कूनो लाया गया था। बता दें कि कूनो में चीतों की यह दूसरी मौत है। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में 20 चीते लाए गए थे, जिसमें अब 18 बचे हैं।




— TheSootr (@TheSootr) April 23, 2023



बीमारी के थे लक्षण, शाम 4 बजे तोड़ा दम



22 अप्रैल, शनिवार को उदय चीता पूरी तरह से स्वस्थ्य था, लेकिन जब 23 अप्रैल, रविवार को सुबह के समय उसकी जांच की गई तो उसमें बीमार होने के लक्षण पाए गए। चीतों के विशेषज्ञ ने बताया कि बीमार होने पर उसे निगरानी में ले लिया था, लेकिन शाम चार बजे उदय चीता ने दम तोड़ दिया। यह चीता दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। यह वाटरबर्ग बायोस्फीयर व्यस्क नर था। 




— ANI (@ANI) April 23, 2023



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पहले हो चुकी है साशा की मौत



कूनो नेशनल पार्क में इससे पहले नामीबियाई से आए पांच साल की मादा चीता साशा की मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार, मादा चीता किडनी और लिवर से जुड़े संक्रमण से जूझ रही थी। कूनो के वन अधिकारियों ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक बयान में कहा था कि जब नामीबिया से साशा की इलाज की हिस्ट्री ली गई तो पता चला कि नामीबिया में 15 अगस्त 22 को किए गए आखिरी ब्लड सैंपल टेस्ट में क्रिएटिनिन लेवल 400 से ज्यादा पाया गया, जिससे पता चलता है कि भारत आने से पहले साशा को किडनी की गंभीर बीमारी थी। वहीं वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून के रिटायर्ड डीन डॉक्टर वायची झाला का कहना था है कि जब चीतों को भारत लाया गया, तब उसमें कोई बीमारी नहीं थी।  



खुले जंगल में किया गया था रिलीज



बता दें कि अप्रैल महीने में क्वारंटाइन पीरियड पूरा होने के बाद अफ्रीकी चीतों को बडे़ बाडे़ से खुले जंगल में रिलीज कर दिया गया था। साउथ अफ्रीका से बीते 18 फरवरी को कूनो लाए गए 12 चीतों में से तीन नर चीतों को 17 अप्रैल को क्वारंटीन बाडे़ से बड़े बाडे़ में छोड़ दिया गया था। वहीं 18 अप्रैल और 19 अप्रैल को शेष 9 चीतों को भी कूनो के बड़े बाडे़ में रिलीज कर दिया गया था। 



चार चीतों को खुले जंगल में छोड़ा



बड़े बाडे़ में छोड़े गए चीते वहां खुद शिकार कर रहे थे। बडे़ बाडे़ में चीतल, जैकाल, खरगोश, हिरण और अन्य वन्य प्राणी भरपूर संख्या में हैं। चीता प्रोजेक्ट चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहा है। नामीबियाई चीतों को सफलतापूर्वक कूनो पार्क में बसाया जा चुका है। वर्तमान में चार चीतों को खुले जंगल में छोड़ दिया गया है। 


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