संजय गुप्ता, INDORE. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री का विवाद एक बार फिर गहरा गया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल साल 2016 से पीएम की डिग्री सार्वजनिक करने का मुद्दा उठा रहे हैं। उनके इसी मामले को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने केजरीवाल पर 25 हजार का जुर्माना लगा दिया है। वहीं केजरीवाल ने इस जुर्माने को लेकर भी टिप्पणी की है, क्या देश को पीएम की डिग्री जानने का अधिकार नहीं है। अब यदि पीएम द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान भरे गए शपथ पत्र की बात करें तो इसमें पीएम ने खुद को एमए पासआउट बताया है।
शपथ पत्र के हिसाब से पीएम ने अपनी एजुकेशन क्वालीफिकेशन इस तरह बताई है
- 1 साल 1967 में एसएससी बोर्ड गुजरात से एसएससी
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अभी बीए डिग्री मामले में केस बाकी है
केजरीवाल साल 2016 से पीएम मोदी की डिग्री सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं। उनकी अपील पर केंद्रीय सूचना आयोग ने साल 2016 में दिल्ली और गुजरात यूनिवर्सिटी को डिग्री कॉपी देने का आदेश दिया था, लेकिन दोनों ही यूनिवर्सिटी कोर्ट चली गईं। गुजरात यूनविर्सिटी ने ये तो बताया था कि एमए की डिग्री पीएम ने डिस्टेंस एजुकेशन से की है, लेकिन डिग्री देने से मना कर दिया और गुजरात हाईकोर्ट चली गई। इस पर हाईकोर्ट ने इस याचिका को भ्रामक बताते हुए डिग्री देने पर रोक लगा दी और 25 हजार का जुर्माना भी लगा दिया, लेकिन अभी बीए डिग्री देने का मामला कानूनी लड़ाई में रुका है। इस मामले में गुजरात यूनविर्सिटी के तहत दिल्ली यूनिवर्सिटी दिल्ली हाईकोर्ट चली गई थी, जिस पर सुनवाई जारी है और 3 मई को फिर तारीख लगी है। दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएम मोदी ने 1978 में बीए की डिग्री हासिल की है।