रुचि वर्मा, BHOPAL. आज यानी रविवार को राजधानी भोपाल के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज रहने वाली है। कारण 2 हैं, पहला तो ये कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों को सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक हाजिर होने को कहा है। दूसरा महत्वपूर्ण कारण ये भी है कि इसी दिन सीएम द्वारा शुरू किए गए रोज एक पौधा रोपने के अभियान को 2 साल पूरे होंगे। सीएम शिवराज ने साल 2021 में नर्मदा जयंती (19 फरवरी) पर प्रतिदिन पौधरोपण का संकल्प लिया था। मुख्यमंत्री 19 फरवरी को एरोड्रम स्थित गार्डन में पौधरोपण भी करेंगे। यहां पर सभी मंत्री मौजूद रहेंगे।
2021 में शुरू हुआ रोज 1 पौधा लगाने का अभियान, अब रोज 3 पौधे लगाते हैं
पर्यावरण संरक्षण की बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 19 फरवरी, 2021 को नर्मदा जयंती के दिन संकल्प लिया था कि वे रोज एक पौधा लगाएंगे। पत्नी साधना सिंह चौहान के साथ अमरकंटक में गुल बकावली और साल का पौधा लगाकर सीएम ने प्रतिदिन पौधे लगाने के अभियान की शुरुआत की। एक विशेष अनुष्ठान के तहत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2021 में नर्मदा जयंती के दिन संकल्प लिया था कि वे रोज एक पौधा लगाएंगे। वहीं, पिछले साल अभियान को 1 साल पूरा होने पर 18 फरवरी 2022 को सीएम शिवराज ने हर रोज 2 पेड़ लगाने की घोषणा की। हालांकि, अब सीएम शिवराज 3 पौधे रोज लगा रहे हैं।
2 साल, 12 राज्य और 2200 पौधे
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इन 2 सालों के 730 दिनों में लगभग 2200 पौधे लगाए हैं। इसके साथ ही जनवरी 2022 से अब तक लगभग 1600 से ज्यादा व्यक्तियों ने इस दौरान सीएम शिवराज के साथ पौधे लगाए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी भोपाल के स्मार्ट सिटी उद्यान में बरगद का पौधा लगाया। सीएम ने इन पौधों को मध्यप्रदेश के साथ ही गुजरात, तमिलनाडु, उत्तराखंड, यूपी, महाराष्ट्र, तेलंगाना, त्रिपुरा, केरल, पुदुचेरी और चेन्नई समेत 12 राज्यों में लगाया है। पौधे सुरक्षित रहें और उनकी देखभाल की व्यवस्था हो सके, इसलिए सीएम भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में रोज एक पौधा लगाते हैं। जानकारी के अनुसार पौधे भी वही लगाते हैं जो कम देखभाल में और कम सालों में पेड़ बन जाएं, जैसे - पारिजात, सप्तपर्णी, अशोक, कदम्ब, हरसिंगार, बेल पत्र, मौलश्री, शीशम, मुनगा, करंज, गुलमोहर, कचनार, हर्र, मधुकामिनी, अर्जुन, औषधीय आकाश नीम, नीम, आंवला, विलायती इमली, हल्दू, नीला गुलमोहर, बॉटल ब्रश, नारियल, बरगद, पीपल कपूर के पौधे।
52 जिलों में अंकुर पौधरोपण अभियान
शिवराज सरकार के इस पौधरोपण अभियान से आम जनता भी जुड़ सके, इसलिए 22 मई 2021 को अंकुर अभियान भी शुरू किया गया। प्रदेश के सभी 52 जिलों में अंकुर अभियान को एक एप्लीकेशन वायुदूत के द्वारा संचालित किया जा रहा है। एप्लीकेशन को सुचारू रूप से चलाने के लिए बाकायदा हर जिले में नोडल अधिकारियों को चयनित किया गया है। जो लोग अभियान के तहत पौधरोपण करना चाहते हैं, वो अपना पंजीकरण वायुदूत एप्लीकेशन पर जाकर करा सकते हैं। इसके बाद लोग पौधा लगाते समय की अपनी एक तस्वीर एप्लीकेशन पर अपलोड कर सकते हैं। इसके बाद लोग पौधे की देखभाल किस तरह से करते हैं उसकी सारी तस्वीर उन्हें लगभग 30 दिनों तक अपलोड करते हैं। मुख्यमंत्री द्वारा प्रत्येक जिले के चुने हुए कुछ प्रतियोगियों को विजेता के रूप में घोषित किया जाता है और उन्हें प्राण वायु नाम से तथा वृक्ष वीर एवं वृक्ष वीरांगना के पुरस्कार दिए जाते हैं। मजेदार बात है कि अभियान के तहत इच्छुक प्रतिभागियों को पौधरोपण के बाद पौधे की सुरक्षा और पानी की व्यवस्था स्वयं के संसाधन से करनी होती है।
पूरे मध्यप्रदेश में रोपे जाएंगे पौधे, कलेक्टरों को निर्देश
सीएम के संकल्प के 2 साल पूरे होने पर आज पूरे राज्य में पौधरोपण किया जाएगा। जनसम्पर्क विभाग के अनुसार राज्य स्तरीय कार्यक्रम भोपाल में होगा जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज शामिल होंगे। कार्यक्रम में अंकुर अभियान के अंतर्गत पौधरोपण करने वालों को भी बुलाया गया है। इस दौरान विकास यात्रा के आरंभ स्थल, ग्राम पंचायतों में चिन्हित स्थान, स्कूल-कॉलेज में भी पौधे लगाए जाएंगे। पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने सभी संभागायुक्त एवं कलेक्टरों को सामुदायिक पौधरोपण की तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं।
पौधरोपण के बाद देखरेख के अभाव में सूख गए आधे पौधे
अब सीएम द्वारा शुरू किए गए पौधरोपण अभियान का पर्यावरण संरक्षण से इतर एक दूसरा पहलू भी है। वो ये कि सीएम शिवराज को खुश करने के लिए विभागों द्वारा पौधरोपण अभियान शुरू तो कर दिया जाता हैं लेकिन पौधों के पेड़ बनने तक की जिम्मेदारी अधिकारियों से लेकर आमजन तक नहीं निभा पा रहे हैं। इसी लापरवाही से हजारों की संख्या में पौधे नष्ट हो जाते हैं। इसका एक मामला जबलपुर के लम्हेटाघाट से सामने आया था। दरअसल, 2 जुलाई 2017 को पौधरोपण का महाभियान चलाया गया जिसमें जबलपुर सहित मध्यप्रदेश के सभी जिलों में करीब 6 करोड़ पौधे रोपे गए। जबलपुर जिले में 20 हजार जगहों पर 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था। 2022 तक योजना के तहत करीब 10 हजार पौधे लगा भी दिए गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह ने भी वहां पौधे लगाए थे, लेकिन जून 2022 आते-आते वहां लगाए कुछ ही पौधे जीवित बचे, शेष सूख गए और इस पर जिम्मेवार लोगों ने ध्यान ही नहीं दिया।
सीएम पौधे लगा रहे, अफसर उजाड़ रहे!
अब एक ओर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर्यावरण बचाने के लिए रोज एक नहीं बल्कि 3-3 पौधे लगा रहे हैं और पूरे देश को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं, पर खुद सीएम की नाक के नीचे मध्यप्रदेश की हरियाली उजड़ रही हैं। सीएम शिवराज अपने राज्य के लोगों को ही पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करने से नहीं रोक पा रहे हैं। राज्य में चल रही पेड़-पौधे और जंगलों की इस अंधाधुंध कटाई के जिम्मेदार और कोई नहीं, सरकारी विभागों और अफसरों की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैया है। हाल ही के 3 महीनों में ऐसे कई वाकये देखने को मिले...
पहला केस - वन बल प्रमुख आरके गुप्ता के निजी मकान के सामने 29 हरे-भरे पेड़ साफ!
भोपाल में मध्यप्रदेश के वन बल प्रमुख आरके गुप्ता के दानिश नगर स्थित निजी मकान के सामने नवंबर, 2022 को 40 वर्ष पुराने 29 हरे-भरे पेड़ साफ कर दिए गए। मामले में नगर निगम भोपाल ने गुप्ता की पत्नी कीर्ति गुप्ता पर 1 लाख 90 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर खानापूर्ति कर दी। दरअसल, दानिश नगर कॉलोनी स्थित मकान के सामने खड़े वृक्षों की कटाई के लिए कीर्ति गुप्ता ने नगर निगम से 13 मई, 2022 को अनुमति मांगी थी। जिस पर नगर निगम ने 68 वृक्षों की स्वयं के व्यवस्था पर छंटाई की अनुमति दी ना कि कटाई की पर कीर्ति गुप्ता ने 29 नवंबर को मजदूरों की मदद से 29 पेड़ों की कटाई कर दी और 9 पेड़ों की गहरी छंटाई कर दी। वृक्ष अधिनियम के अनुसार किसी भी वृक्ष को काटने छांटने के पूर्व वृक्षाधिकारी नगर निगम से अनुमति लेनी आवश्यक होती है जिसका उल्लंघन किया गया। और तो और मामला छिपाने के लिए वृक्षों को जला भी दिया। मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से शिकायत करने की भी बात की। हालांकि, मप्र वन बल प्रमुख आर के गुप्ता का कहना है कि मजदूरों ने गलती से 1-2 वृक्ष काट दिए।
दूसरा केस - भोपाल में सरकारी जमीन पर बिना अनुमति के 56 पेड़ काट दिए
दिसंबर, 2022 में भोपाल की खजूर सड़क के धामनिया गांव सड़क पर सरकारी जमीन पर पौधरोपण कर लगाए 56 पेड़ों को बिना अुनमति के काट दिया गया। मामले में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की प्रशासन को शिकायतों के बावजूद कार्रवाई होने में हफ्ताभर लग गया। दरअसल, धामनिया गांव सड़क पर एक छात्रावास के पास 2.41 हेक्टेयर भूमि 2006-07 में राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) को आवंटित की गई थी। इस पर सीपीए की तरफ से पौधरोपण किया गया था। सीपीए के बंद हो जाने पर इनकी देखरेख का अभाव हो गया। तभी सरपंच प्रतिनिधि दिनेश पटेल ने 56 पेड़ों की कटाई बिना अनुमति के अवैध तरीके से करवा दी। सरपंच प्रतिनिधि दिनेश पटेल ने पेड़ काटने के पीछे तर्क दिया गया कि भूमि आवासीय है और यहां पर हितग्राहियों को पट्टे दिए जाने हैं, इसलिए पेड़ काटे गए गए हैं। पेड़ काटने की जानकरी लगने पर वन विभाग ने 8 दिसंबर को खजूरी सड़क पुलिस थाने में शिकायत दी। इसके बावजूद पुलिस की तरफ से 5 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर भोपाल वन मंडल अधिकारी ने भोपाल कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर को भी पत्र लिखकर पेड़ों की अवैध कटाई के संबंध में शिकायत की।
तीसरा केस - CPA का पौधरोपण, देखरेख के अभाव में हो रही कटाई
राजधानी परियोजना प्रशासन (CPA) ने अपने अस्तित्व में रहने के दौरान ईंटखेड़ी छाप और बिशनखेड़ी में बड़े स्तर पर पौधरोपण किया था। हालांकि, मार्च 2022 में CPA बंद होने के बाद उचित देखभाल और निगरानी के अभाव में CPA द्वारा लगाए गए पेड़ों की अब अंधाधुंध कटाई शुरू हो गई है। बता दें कि CPA बंद होने के बाद उसके प्रोजेक्ट्स की देखरेख का कार्य PWD और नगर निगम के हवाले किया गया था। परन्तु विश्वस्त सूत्रों के अनुसार आजकल रात होते ही वन माफिया द्वारा बिखनखेड़ी में तालाब के ग्रीन बेल्ट एरिया में रोजाना कई पेड़ों को काटा जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार शाम होते ही लोग यहां जुटते हैं और देखते ही देखते पेड़ों को काटकर गिरा देते हैं। पहले चौकीदार होने के कारण पेड़ों की कटाई नहीं हो पाती थी, लेकिन सीपीए के खत्म होते ही इन पेड़ों की देखरेख नहीं हो पा रही है। बता दें कि सीपीए ने भोपाल में बड़े तालाब के साथ ही विभिन्न स्थानों पर 354 हेक्टेयर के एरिया में 6 लाख 47 हजार पौधे लगाए थे, जो अब विशाल वृक्ष बन चुके हैं। इन पेड़ों को 35 साल में लगाया गया। सीपीए ने भोजवेट लैंड सहित शहर में 12 नगर वनों का निर्माण किया है, लेकिन सीपीए के खत्म होते ही यहां पर बड़े पैमाने पर कटाई की जा रही है।
चौथा केस - लगातार काट रहे शिवपुरी के जंगल
ये मामला शिवपुरी जिले के वन परिक्षेत्र बदरवास की सबरेंज गणेशखेड़ा की सोनपुरा बीट का है, जहां पिछले 2 महीनों में सोनपुरा के जंगलों के पेड़ों को रातों-रात काटा जा रहा है। विश्वनीय सूत्रों के अनुसार जंगल की कटाई खेती योग्य जमीन बनाने के लिए की जा रही है। साथ ही अब तक हजारों खेर के पेड़ों को काटा जा चुका है जिनको बेचकर मोटा मुनाफा भी कमाया जा चुका है। सोनपुरा के जंगलों में वनों की लगातार कटाई पर वन क्षेत्र के जिम्मेदारों की तरफ से ठोस कार्रवाई का आज भी इंतजार है।
पांचवां केस - आदि शंकराचार्य म्यूजियम के लिए गैरकानूनी तरीके काटे गए पेड़, NGT ने लगाई रोक
मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के डूब क्षेत्र में "स्टेच्यू ऑफ वननेस" और आदि शंकराचार्य के म्यूजियम का निर्माण कार्य चालू है। म्यूजियम निर्माण के लिए आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, भोपाल द्वारा करीब 1300 अवैध तरीके से पेड़ों को काट दिया गया है। इन पेड़ों की कटाई वन (संरक्षण कानून), 1980 की धारा-2 का उल्लंघन करते हुए किया गया, जो कि पूरी तरह से अवैध है। करीब 1300 पेड़ काटने की अनुमति स्टेट एक्ट के तहत SDO के जरिए दी गई थी। हालांकि, अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पेड़ों के कटाव पर ये कहते हुए रोक लगा दी है कि पेड़ों को काटने के लिए केद्र से उचित अनुमति की जरूरत है और एसडीओ का आदेश केंद्र के आदेश के ऊपर नहीं हो सकता।
छठवां केस - प्रवासी भारतीयों के सामने अभियान की फजीहत
बीते दिनों इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस समारोह और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 8 जनवरी को भी सीएम ने विदेशों से आए मेहमानों के साथ ग्लोबल पार्क में पौधरोपण किया था। हालांकि इस कोशिश में सीएम की तारीफ से ज्यादा उनकी किरकिरी हो गई थी क्योंकि मुख्यमंत्री के प्रवासी भारतीयों के साथ पौधरोपण के लिए इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन ने आनन-फानन में नमो ग्लोबल गार्डन तैयार तो कर लिया पर प्रवासी भारतीयों से किया गया वादा कि जिन्होंने भी यहां पेड़ लगाए हैं वो अपने लगाए पेड़ों की प्रगति क्यूआर कोड के माध्यम से खुद देख सकेंगे, इसे पूरा नहीं कर पाए।