BHOPAL. मध्यप्रदेश के सरकारी विभागों में खाली 1 लाख 14 हजार खाली पद 15 अगस्त तक भरे जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2 जनवरी को हुई बड़ी बैठक में इसके निर्देश दिए हैं। सीएम शिवराज ने 2023 के चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। सीएम ने सोमवार को मंत्रियों के साथ बड़ी बैठक की। इसमें विभागों की समीक्षा की गई और 2023 का रोडमैप मंत्रियों के सामने रखा गया।
प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सरकार नवाचार कर रही है। शासन के सभी विभागों को खाली पद तलाशने के लिए निर्देशित किया गया है।
साथ ही 1.14 लाख शासकीय पदों पर पिछली भर्ती केके भी 15 अगस्त तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।1/2 pic.twitter.com/2oKyAQDhBx
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) January 2, 2023
सीएम शिवराज ने बताया 2023 का रोडमैप
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों और अधिकारियों को 2023 का रोडमैप बताया है। सरकारी विभागों में खाली 1 लाख 14 हजार पद 15 अगस्त तक भरने के निर्देश दिए हैं। विभागों से और रिक्त पद तलाश करने को कहा गया है जिससे युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सके।
सीएम शिवराज के निर्देश
सीएम शिवराज ने कहा कि गणतंत्र दिवस को अद्भुत और उत्सवी माहौल में मनाया जाए। संत रविदास जयंती पर सामाजिक समरसता के साथ कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। अप्रैल में जन सेवा अभियान का एक और दौर चलेगा। अब हवाई जहाज से तीर्थ दर्शन यात्रा कराई जाएगी। कूनो में चीता प्रोजेक्ट बनेगा। बैगा, भारिया, सहरिया जाति के साथ कोल वर्ग की महापंचायत भी होगी। हर विभाग का रिपोर्ट कार्ड बनाया जाएगा और जो टारगेट तय किए गए थे, उनकी जानकारी ली जाएगी।
पेसा एक्ट को लेकर बोले सीएम शिवराज
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में पेसा एक्ट को जमीन पर उतारने के लिए कड़े प्रयास किए जाएं। जनता का फीडबैक लेने का सिस्टम बनाया जाए। विभागों के मंत्री और अधिकारी आम जनता का फीडबैक लें। अच्छे कामों का प्रचार और गलत खबरों का खंडन जारी करें। सीएम ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के निर्देश दिए।
कमलनाथ बोले- सुर्खियां बटोरने का असफल प्रयास
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि एक बार फिर कभी धरातल पर ना उतरने वाले रोडमैप रखे गए। सुर्खियां बटोरने का असफल प्रयास किया गया। भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देकर जीरो टॉलरेंस का मुखौटा ओढ़ लिया गया है। पुरानी महापंचायतों का हिसाब ही नहीं है। नई महापंचायतों की बात झूठी घोषणा है।