संजय गुप्ता, INDORE. हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में भूमाफिया चंपू, चिराग, नीलेश अजमेरा, हैप्पी धवन के मामले में आईएएस अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर ने बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मुझे कोर्ट में कपड़े उतरवा देने की धमकी दी जाती है और कहा जाता है कि नौकरी चली जाएगी। इसके बाद इंदौर से लेकर भोपाल तक बवाल मचा हुआ है। इस मामले में अब कलेक्टर डॉ. इलैया राजाटी प्रशासन की छवि बचाने के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि इस केस के दौरान कोर्ट में विवाद हुआ था। इसलिए अपर कलेक्टर ने इस तरह का बयान दिया था।
माफियाओं को लेकर प्रशासन सख्त है
कलेक्टर ने कहा कि विरोधी पक्ष ने कहा था कि प्रशासन धमकी दे रहा है और कब्जा लेकर प्लॉट दिला रहा है। यह पांच-छह माह पहले की घटना है। हमारे द्वारा यह बात रखी गई कि उनकी कितनी गंदी आदतें हैं। जबकि प्रशासन 60 फीसदी को प्लॉट या राशि दिला चुका हैं। माफियाओं को लेकर प्रशासन सख्त है और जो गलत करेगा, उस पर सख्ती बरती जाएगी। उधर, पीड़ितों के वकील द्वारा भी एक बयान जारी कर कहा गया कि प्रशासन द्वारा सहयोग किया जा रहा है। कलेक्टर इलैया राजा के साथ ही अपर कलेक्टर बेडेकर की टीम पूरी मेहनत से काम कर रही है।
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अपर कलेक्टर ने भी दी सफाई
अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर ने कहा कि माननीय हाईकोर्ट में हाजिरी के दौरान मेरे द्वारा दिए गए वक्तव्य को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। जबकि भू माफियाओं के वकील ने माननीय न्यायालय में कहा कि एडीएम साहब हमारी जमीन पर गलत कब्जे करवा रहे हैं और प्लॉट अलॉट कर रहे हैं। इस तरह की बात ये लोग मुझसे पहले भी कह चुके हैं और माननीय सर्वोच्च न्यायालय में भी इन्होंने याचिका लगाकर मेरे नाम के उल्लेख के साथ लिखा था कि एडीएम बेडेकर हमें धमकाते हैं। उसके जवाब में मैंने माननीय न्यायालय में कहा कि मेरे द्वारा धमकाने की बात तथ्यहीन है और मैं उन्हें नहीं धमका रहा बल्कि ये लोग मुझे कहते हैं कि कोर्ट में आपके कपड़े उतर जाएंगे और नौकरी चली जाएगी। वैसे भी ये लगभग छह-आठ माह पुरानी घटना है। इसी केस के चलते एक आरोपी चिराग शाह के विरुद्ध एफआईआर भी करवाई गई है। कोई भी व्यक्ति या माफिया कानून से बड़ा नहीं है और जिला प्रशासन सख्ती से कानून का पालन करा रहा है।
छुट्टी के दिन शुरू हुआ कलेक्टोरेट में काम
उधर, 15 मार्च तकमिली मोहलत के बाद प्रशासन ने छुटटी के दिन भी पीड़ितों के लिए काम शुरू करते हुए अधिकारियों को बुलाकर तीनों कॉलोनियों में फिर से काम शुरू कर दिया है। पीड़ितों के एक-एक केस की स्टडी हो रही है कि कहां से किसे राहत मिल सकती है। इन सभी का ब्यौरा अब अधिकारियों को 15 मार्च को हाईकोर्ट में पेश करना है और साथ ही आरोपियों को लेकर बताना है कि किसने सहयोग किया और किसने नहीं, सहयोग नहीं करने वालों के खिलाफ जमानत रद्द करने का आवेदन भी लगवाया जाना है।