जबलपुर आईटी पार्क को 5 साल बीते नहीं आई कंपनियां, 10 हजार को मिलना था रोजगार, मिला केवल 2500 को

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Rajeev Upadhyay
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जबलपुर आईटी पार्क को 5 साल बीते नहीं आई कंपनियां, 10 हजार को मिलना था रोजगार, मिला केवल 2500 को

Jabalpur. जबलपुर के बरगी हिल्स में शुरू किए गए आईटी पार्क में पतझड़ का मौसम है। स्थापना के वक्त यह दावा किया गया था कि इससे हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। लेकिन यह दावा महज सब्जबाग के अलावा और कुछ साबित नहीं हुआ। आईटी पार्क को खुले 5 साल बीत चुके हैं लेकिन अभी तक यहां सिर्फ ढाई हजार युवाओं को बमुश्किल रोजगार मिला पाया। पार्क में 116 कंपनियों को प्लाट आवंटित किए गए थे लेकिन मात्र 20 कंपनियों ने काम शुरू किया जबकि 96 कंपनियां अपना कारोबार ही शुरू नहीं कर पाई। इसके पीछे कोरोना भी एक बड़ी वजह बनकर सामने आया है। 





63 एकड़ में हुआ है स्थापित





विभिन्न कंपनियों को कारोबार के लिए पर्याप्त जगह मिले इसलिए आईटी पार्क में 63 एकड़ जमीन की व्यवस्था की गई थी। इसमें से 45 एकड़ भूमि पर 116 कंपनियों को प्लाट आवंटित किया गया। किसी कंपनी को 20 हजार वर्गफीट तो किसी को 10 हजार वर्गफीट जगह आवंटित की गई। बाकी की जमीन पर गार्डन और पार्किंग विकसित कराए गए हैं। 





14 कंपनियां कर रहीं काम





आईटी पार्क के टेक्नोपार्क नाम की बिल्डिंग में 14 कंपनियां काम कर रही हैं। यहां पर विद्युत कंपनी का कॉल सेंटर है, पेटीएम आइडिया समेत अन्रू नामी गिरामी कंपनियां अपना कारोबार चला रही हैं। इनके द्वारा सैकड़ों युवाओं को रोजगार दिया गया है। अधिकारियों की मानें तो यहां काम कर रहीं कुछ कंपनियों का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ से भी ज्यादा का है। 







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  • रद्द नहीं हुई रजिस्ट्री





    आईटी पार्क में 116 में से महज 20 कंपनियों ने कारोबार शुरू किया है। वहीं 3 माह में 50 और कंपनियां काम शुरू करने का दावा कर रही हैं। लेकिन 46 कंपनियों ने कोई भी काम शुरू नहीं किया है। यदि वे 3 साल तक अपना काम शुरू नहीं करतीं तो उनके प्लांट का आवंटन रद्द करने की कार्रवाई का प्रावधान था, लेकिन 3 साल के बजाय 5 साल बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 





    नोटिस भेज रहा प्रबंधन





    आईटी पार्क के डायरेक्टर राजेंद्र राय ने बताया कि आईटी पार्क में जिन कंपनियों को प्लाट आवंटित किया है। उनमें से जो कंपनियां नहीं आई हैं उन्हें नोटिस भेजा गया है। इसकी पूरी जानकारी भोपाल भेज दी गई है। इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई भोपाल से ही होगी। रजिस्ट्री रद्द हो सकती है। 



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