इंदौर बावड़ी हादसे में रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल के साथ निगम के 11 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए कोर्ट में परिवाद दायर

author-image
The Sootr
एडिट
New Update
इंदौर बावड़ी हादसे में रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल के साथ निगम के 11 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए कोर्ट में परिवाद दायर

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी (30 मार्च) के दिन बावड़ी हादसे में हुई 36 मौतों को लेकर अब पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने जिला कोर्ट में परिवाद दायर कर दिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. मनोहर दलाल के माध्यम से लगाई गई इस याचिका में तत्कालीन निगमायुक्त व वर्तमान में रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल के साथ ही नगर निगम के 11 अन्य अधिकारियों और मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष सेवाराम गलानी पर आईपीसी की धाराओं 201, 204, 295 व 295 ए में केस दायर करने की मांग की गई है। यह धाराएं घटना के साक्ष्य मिटाने और किसी वर्ग के धर्म के अपमान करने के आश्य से उपासना स्थल को क्षति करने या अपवित्र करने से संबंधी है। मुख्य रूप से यह परिवाद बावड़ी हादसे के बाद उस पर कार्रवाई कर नष्ट करने के लिए मुख्य तौर पर दायर हुआ है।



इन अधिकारियों को आरोपी बनाने की मांग



तत्कालीन निगमायुक्त व वर्तमान रीवा कलेक्टर पाल के साथ ही यह परिवाद रिमूवल अधिकारी व उपयुक्त निगम लता अग्रवाल, सहायक रिमूवल अधिकारी अश्विन जनपदे, जोनल अधिकारी जोन 18 अतीक खान, सिटी इंजीनियर अनूप गोयल, सिटी इंजीनियर व निगम क्षेत्र के कुएं, बावड़ी प्रभारी सुनील गुप्ता, उपयंत्री कुएं व बावड़ी प्रभारी सेवाराम पाटीदार, बिजली विभाग इंचार्ज निगम राकेश अखंड, जेसीबी मशीन संचालक निगम मनीष पाण्डे, बगीचा प्रभारी चेतन पाटिल, सब इंजीनियर रिमूवल अधिकारी प्रकाश नागर, भवन अधिकारी जोन 18 परसराम आरोलिया और मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष सेवाराम गलानी के खिलाफ लगाया गया है। 



बावड़ी को नष्ट कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश



याचिका में कहा गया कि पाल, गोयल और गुप्ता ने गलानी के कृत्य में साथ दिया। अतिक्रमण के नोटिस होने के बाद भी हटाए नहीं गया। वहीं जब हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई तो सभी ने संगनमत होकर बावड़ी को ही तोड़ दिया। जबकि बावड़ी, कुएं में उद्धार में अच्छा काम करने के लिए गुप्ता ने भारत सरकार से अवार्ड किया। इस दौरन बगीचे की लाइन, सीवरेज मंदिर के बावड़ी में डाल दी गई। इस हादसे के बाद बावड़ी से कोई साक्ष्य नहीं मिले, इसके लिए सभी ने मिलकर इसे नष्ट कर दिया और मलबे से भर दिया। इसमें सभी अधिकारियों ने अलग-अलग भूमिकाएं निभाई।



हाईकोर्ट से जारी हो चुके हैं नोटिस



कौशल की ही हाईकोर्ट में लगी जनहित याचिका को लेकर हाईकोर्ट इंदौर बेंच ने सख्ती दिखाते हुए मुख्य सचिव, कलेक्टर, निगमायुक्त से लेकर सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके लिए चार सप्ताह का समय मांगा है और पूछा है कि आखिर जिम्मेदारों पर किसी तरह के आपराधिक केस क्यों दर्ज नहीं किए। उल्लेखनीय है कि इस मामले में मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष गलानी और सचिव मुरली सबनानी पर गैर इरादतन हत्या का केस हुआ और निगम ने दो अधिकारियों को सस्पेंड किया, इसके अलावा कोई कार्रवाई नहीं की गई, वहीं किसी की भी गिरफ्तारी पुलिस ने अभी तक नहीं की है।

 


मध्यप्रदेश न्यूज कोर्ट में परिवाद बावड़ी हादसे में 36 लोग मारे गए इंदौर बावड़ी हादसा पूर्व निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल complaint in court Madhya Pradesh News 36 people killed in Bawdi accident former corporation commissioner Pratibha Pal Indore Bawdi incident