उज्जैन में मास्टर प्लान को निरस्त कराने कांग्रेस ने खोला मोर्चा, सज्जन सिंह वर्मा और शोभा ओझा ने दी आंदोलन की चेतावनी 

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Vikram Jain
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उज्जैन में मास्टर प्लान को निरस्त कराने कांग्रेस ने खोला मोर्चा, सज्जन सिंह वर्मा और शोभा ओझा ने दी आंदोलन की चेतावनी 

UJJAIN. इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कई मुद्दो को लेकर शिवराज सरकार को घेरने में लग गई है। तेज आंधी में महाकाल लोक में धराशायी सप्तऋषि की मूर्तियों के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। अब अचानक जारी उज्जैन के मास्टर प्लान को विपक्ष ने मुद्दा बनाया है।



साधु-संतों और जनता के साथ मिलकर करेंगे आंदोलन



मामले को लेकर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और कांग्रेस की उज्जैन जिला प्रभारी शोभा ओझा ने चेतावनी देकर कहा है कि मास्टर प्लान को तत्काल निरस्त नहीं किया तो साधु-संतों और जनता के साथ मिलकर में जन आंदोलन कर सड़क पर उतरेंगे। सरकार इससे भी नहीं समझी तो कोर्ट का सहारा लिया जाएगा।



भोपाल पहुंचा उज्जैन का रुपया



पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि भोपाल और इंदौर का मास्टर प्लान अब तक जारी नहीं किया गया है। दो दिन पहले अचानक सभी आपत्तियों और सुझावों को दरकिनार कर जिस तरीके से उज्जैन का मास्टर प्लान जारी किया गया। ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मास्टर प्लान जारी करवाने वालों का रुपया भोपाल तक पहुंच गया है। वरना ऐसी क्या जल्दी थी कि आपत्तियों का निराकरण किए बिना तेजी से मास्टर प्लान जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह संकल्प लिया है कि इनके राज मे भूमाफिया ऐसे ही फलते और फुलते रहेंगे।



किसानों के आवेदन के बगैर कृषि भूमि को आवासीय बना दिया



कांग्रेस नेता वर्मा ने कहा कि नए मास्टर प्लान के दौरान क्षेत्र में रहने वाले किसानों द्वारा कृषि भूमि को आवासीय घोषित करने के आवेदन दिए बिना ही इन्हें आवासीय बना दिया गया है।  जिससे सरकार को लगभग 500 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। जबकि नए मास्टर प्लान में कृषि भूमि को आवासीय बनाने पर भू माफिया को लगभग 1500 करोड़ का फायदा हुआ है।



घाटे में सरकार, फायदे में जमीन खरीदने वाले बिल्डर



स्वीकृत मास्टर प्लान 2035 में उज्जैन के बिल्डर और कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचाया गया है। ग्राम डेंडीया, मेंडिया, शक्करवासा, नीमनवासा, जीवनखेड़ी, लालपुर की सैकड़ों एकड़ जमीन को बिना किसी के आवेदन के कृषि से आवासीय कर दिया है, जबकि भूमि विकास अधिनियम 2012 की धारा-23 के तहत उपांतरण के लिए कृषि भूमि को निर्धारित शुल्क जमा कर आवासीय की जा सकती है। ऐसे में शासन को लगभग 500 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। वहीं जमीन खरीदने वाले भू-माफिया को लगभग 1500 करोड़ों का फायदा हुआ है। क्योंकि अब कृषि भूमि को आवासीय बनाने के लिए सरकार को कोई शुल्क नहीं देना होगा।




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मंत्री मोहन यादव को सबसे ज्याद फायदा : वर्मा



सज्जन सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि मास्टर प्लान लागू होने से सबसे ज्यादा फायदा शिवराज सरकार के मंत्री डॉ. मोहन यादव को हुआ है, क्योंकि दाऊदखेड़ी, निमनवासा, जीवनखेड़ी, शक्करखेड़ी, डेडिया, मेंडिया की ज्यादातर जमीन मोहन यादव और उनसे जुड़े लोगों की ही है। साथ ही जो जमीन अन्य लोगों के नाम पर है, वे लोग भी मंत्री मोहन यादव के पार्टनर हैं।


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