मध्यप्रदेश में 150 सीटों पर बीजेपी की हालत खराब, कांग्रेस कर रही नए चेहरों को आजमाने की तैयारी; जयस पूरी तरह से 2 फाड़

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Rahul Garhwal
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मध्यप्रदेश में 150 सीटों पर बीजेपी की हालत खराब, कांग्रेस कर रही नए चेहरों को आजमाने की तैयारी; जयस पूरी तरह से 2 फाड़

अंकुश मौर्य, BHOPAL. मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे अब राजनीतिक दलों का फोकस सीटों पर होता जा रहा है। सीटों को लेकर स्ट्रैटजी भी बनाई जा रही है। बीजेपी के अंदरूनी सर्वे में बात निकलकर सामने आई है कि 150 सीटों पर उसकी हालत खराब है। वहीं कांग्रेस इस बात की तैयारियां कर रही है कि आधे से ज्यादा सीटों पर नए चेहरों को उतारा जाए। इधर 47 आदिवासी सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस की मुश्किल बढ़ाने वाला जयस अब पूरी तरह से दो फाड़ हो चुका है। एक मूल जयस है और दूसरा हीरालाल अलावा का जयस है। दोनों जयस अपने-अपने तरीके से सीटों पर नजर जमा रहे हैं।





कांग्रेस की स्ट्रैटजी





आधी से ज्यादा सीटों पर नए चेहरों को मौका देना। महिलाओं और युवाओं को टिकट देने की तैयारी और 15 साल से चुनाव हार रही सीटों पर युवाओं को मौका देना ही कांग्रेस की स्ट्रैटजी है। चुनाव प्रबंध समिति की बैठक में कांग्रेस ने इसी स्ट्रैटजी पर मंथन किया है। ऐसी करीब 70 सीटें हैं जहां कांग्रेस पिछले 2 से 3 चुनाव हार रही है। यानी कहीं 15 साल से कांग्रेस विधायक नहीं है तो कहीं 10 साल से। अब इन सीटों पर युवा चेहरों को उतारने की रणनीति है।





2018 का हिट फॉर्मूला







  • 2018 के इलेक्शन में पहली बार चुने गए विधायकों की संख्या रही है 90



  • इसमें कांग्रेस के विधायकों की संख्या है 55


  • बीजेपी के विधायकों की संख्या 29


  • बीएसपी के 2 विधायक


  • समाजवादी पार्टी के 1 विधायक


  • 3 निर्दलीय विधायक भी पहली बार चुने गए थे






  • कांग्रेस इसलिए भी पहली बार के विधायकों पर फोकस कर रही हैं क्योंकि 2018 में कांग्रेस ने बीजेपी के मुकाबले उम्रदराज उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से परहेज किया था।





    कांग्रेस-बीजेपी का टिकट वितरण का गणित







    • कांग्रेस ने 26 से 30 साल की उम्र के 5 उम्मीदवारों को टिकट दिया था जबकि बीजेपी ने केवल 2 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था



  • 31 से 40 साल की उम्र के क्राइटेरिया में कांग्रेस ने 25 लोगों को टिकट दिया था जबकि बीजेपी ने 20 लोगों को टिकट दिया


  • 41 से 50 साल की उम्र के क्राइटेरिया में कांग्रेस ने 68 लोगों को टिकट दिया था जबकि बीजेपी ने 56 लोगों को टिकट दिया था


  • 51 से 60 साल की उम्र के क्राइटेरिया में कांग्रेस ने 70 लोगों को टिकट दिया था जबकि बीजेपी ने 75 लोगों को टिकट दिया था


  • और 60 साल से ऊपर के उम्र के क्राइटेरिया में कांग्रेस ने 34 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जबकि बीजेपी ने 53 लोगों को टिकट दिया था






  • महिला उम्मीदवारों को टिकट वितरण का गणित







    • 26 से 30 साल के उम्र के क्राइटेरिया में कांग्रेस ने 1 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया बीजेपी ने 2 महिलाओं को मैदान में उतारा



  • 31 से 40 साल की उम्र के क्राइटेरिया में कांग्रेस ने 5 महिलाओं को टिकट दिया तो बीजेपी ने 4 महिलाओं को


  • 41 से 50 साल की उम्र के क्राइटेरिया में कांग्रेस ने 13 महिलाओं को टिकट दिया तो बीजेपी ने 6 महिलाओं को


  • 51 से 60 साल की उम्र के क्राइटेरिया में कांग्रेस ने 6 महिलाओं को टिकट दिया बीजेपी ने 9 महिलाओं को


  • 60 साल से ज्यादा उम्र के क्राइटेरिया में कांग्रेस ने 2 महिलाओं को टिकट दिया तो बीजेपी ने 3 महिलाओं को






  • युवाओं पर दांव लगाना चाहती है कांग्रेस





    कांग्रेस को लगता है कि अबकी बार युवाओं को ज्यादा मौका दिया तो उन सीटों पर भी कामयाबी हासिल की जा सकती है जो लंबे समय से बीजेपी के खाते में हैं और कांग्रेस की ये रणनीति वोटरों की संख्या के आधार पर भी नजर आती है। प्रदेश में कुल 5 करोड़ 39 लाख 87 हजार 876 वोटर हैं, जो इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वोट डालेंगे। इनमें 2 करोड़ 85 लाख 49 हजार 138 युवा वोटर हैं। यानी आधे से ज्यादा वोटर 18 साल से 39 साल तक के हैं।





    उम्र के हिसाब से युवा वोटर्स की संख्या







    • 18-19 साल - 11 लाख 81 हजार 747



  • 20-29 साल - 1 करोड़ 29 लाख 52 हजार 421


  • 30-39 साल - 1 करोड़ 44 लाख 14 हजार 970






  • इसलिए कांग्रेस टिकट वितरण की प्लानिंग में 26 से 50 साल की उम्र के उम्मीदवारों पर फोकस कर रही है।



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