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मप्र चुनाव की तैयारी शुरू, 5 बार से हार रही प्रदेश की 66 सीटों की वजह तलाशने जुटी कांग्रेस, चार शहरों से आए 4 ऑर्ब्जवर

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Neha Thakur
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मप्र चुनाव की तैयारी शुरू, 5 बार से हार रही प्रदेश की 66 सीटों की वजह तलाशने जुटी कांग्रेस, चार शहरों से आए 4 ऑर्ब्जवर

BHOPAL. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत पाने के बाद अब कांग्रेस मध्यप्रदेश में भी चुनाव फतह करने की तैयारी में जुट गई है। मप्र में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने है। कांग्रेस अब प्रदेश की 230 विधानसभा की 1-1 सीटों पर फोकस कर रही है। इसके साथ ही मप्र में पिछले 5 विधानसभा चुनाव में हारी 66 सीटों की वजह तलाशने के साथ उन्हें दूर किस तरह किया जाए, वह भी खोजने में जुट गई है। सूत्रों की माने तो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सहमति के बाद प्रदेश में लंबे अर्से से हार रही सीट के कारणों को ऑब्जर्व करने के लिए दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड से 4 ऑब्जर्वर आए हैं।





सुभाष चोपड़ा को मिली भोपाल की जिम्मेदारी





दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे सुभाष चोपड़ा को भोपाल की जिम्मेदारी दी गई है। वे गोविंदपुरा, बैरसिया, हुजूर और नरेला, भोजपुर, बुदनी, आष्टा, सीहोर, होशंगाबाद, सोहागपुर, पिपरिया, सिलवानी, शमशाबाद और कुरवाई सीटों का फीडबैक लेकर प्रारंभिक तौर पर स्थानीय नेताओं और पीसीसी से चर्चा के बाद इन सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी रिपोर्ट देंगे। 





कार्यक्रमों की रूपरेखा हो रही तैयार

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इधर, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी 12 जून को जबलपुर से रोड शो और आमसभा संबोधित कर विधानसभा चुनाव प्रचार की शुरूआत करने जा रही है। इसके बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की आम सभाओं को लेकर पीसीसी, एआईसीसी से समन्वय कर कार्यक्रम तैयार कर रही है। इस बारे में अभी प्रारंभिक औपचारिक चर्चा ही हुई है। राहुल गांधी और खड़गे के प्रदेश में जुलाई, अगस्त के बाद आगे चुनाव तक के प्रोग्राम तैयार होंगे।





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लगातार 3 बार से हार रही सीटों पर होगा मंथन





ग्वालियर-चंबल अंचल की सीटों में गुना, शिवपुरी समेत अन्य सीटें जिन पर कांग्रेस लगातार 3 से 5 चुनावों में हार रही है। इन सीटों की जिम्मेदारी कुलदीप राठौर को दी गई है। गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष रहे अर्जुन मोरवड़िया को मालवा और निमाड़ की हार वाली सीटें दी गई हैं। इन सीटों में सारंगपुर, सुसनेर, शुजालपुर, देवास, खातेगांव, बागली, खंडवा, पंधाना, बुरहानपुर, धार, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, रतलाम सिटी, मल्हारगढ़, नीमच और जाबद सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। ग्वालियर-चंबल की जिम्मेदारी कुलदीप राठौर व महाकौशल और विंध्य की जिम्मेदारी उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे प्रदीप टम्टा को सौंपी गई है। आपको बता दें कि प्रदेश की 66 सीटों में से 40 सीटों पर पिछले 3 महीनों में पीसीसी चीफ कमलनाथ पहुंच चुके हैं।





गोलीकांड की बरसी पर मंदसौर जाएंगे कमलनाथ





7 साल पहले मंदसौर में आंदोलनकारी किसानों को गोली लगने से मौत हो गई थी। 6 जून को उस गोलीकांड की बरसी है। इस दौरान पीसीसी चीफ कमलनाथ पिपल्यामंडी में किसानों के साथ आमसभा का आयोजन करेंगे।



 



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