सिवनी. सिवनी (Siwani) में सोमवार, 04 अक्टूबर को सुबह 7.49 पर एक के बाद एक भूकंप (Earthquake) के तीन झटके महसूस हुए। रिक्टर स्केल (Richter scale) पर इसकी तीव्रता 3.7 दर्ज की गई है। भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर 5 किमी (5 KM) गहरा बताया जा रहा है। सुबह लगे झटकों के बाद से शहरवासियों में दहशत का माहौल है। वहीं कुछ घरों में दरार आने की बात कही जा रही है। अभी तक किसी नुकसान की जानकारी नहीं मिली है। इससे पहले शुक्रवार (1 अक्टूबर) को सुबह 11:49 बजे अचानक तेज धमाके की आवाज के साथ करीब 6 सेकेंड तक धरती हिली थी। इसके बाद लोगों में दहशत फैल गई। घबराहट में लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। 1 अक्टूबर को रिक्टर स्केल (Richter scale) पर भूकंप की तीव्रता 3.6 दर्ज की गई थी। इसके पहले 21 सितंबर को भी 2.1 तीव्रता का भूकंप आया था।
कम गहराई की वजह से भूकंप के झटके महसूस हो रहे
भू-विज्ञानियों के अनुसार भूकंप का केंद्र (Centre) ज्यादा गहरा न होने की वजह से भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे है। यदि ज्यादा गहराई में हलचल होगी तो ये झटके महसूस नही होंगे। पिछले साल व इस साल आ रहे भूकंप के झटकों का केंद्र 5 से 10 किमी की गहराई में है। इसी वजह से झटके महसूस हो रहे है। हालांकि ज्यादा तीव्रता के भूकंप नहीं आने से फिलहाल घबराने की आवश्यकता नही है। यदि भूकंप की तीव्रता 5 या इससे ज्यादा रही व भूकंप आने का समय 30 सेकेंड से ज्यादा होगा तो नुकसानी की संभावनाएं है।
पानी के रिसाव के कारण हल्के झटके
भू-कंपन व आवाज आदि की शिकायतों को लेकर जिला प्रशासन ने 22 सितंबर को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) भारत सरकार को प्रभावी क्षेत्रों में सर्वे का अनुरोध किया था। इसके परिपालन में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम 24 सितंबर को जिले में पहुंची थी। जियोलॉजिस्ट एमएस पठान के निर्देशन में टीम ने कंपन प्रभावी क्षेत्र आमाझिरिया, राघादेही, बींझावाड़ा, डूंडासिवनी, इंदावाड़ी, गहरानाला, चूना भट्टी, बिठली, मानेगांव, कोहका, माथाटोला, रिंझाई, सेलुआ व अन्य इलाकों का सर्वे किया था और स्थानीय लोगों से चर्चा भी की थी। किए गए सर्वे की रिपोर्ट शुक्रवार एक अक्टूबर को मिली। रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भारत सरकार के एडिशनल डायरेक्टर हेमराज सूर्यवंशी से विस्तृत चर्चा की। हेमराज सूर्यवंशी ने बताया कि विगत दिनों से सिवनी जिले में महसूस किया जा रहे हल्के झटके है, जो कि पानी के रिसाव के कारण होते हैं। इन हल्के झटकों से नुकसानी की संभावना नहीं होती है।