BHOPAL. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के नीलम पार्क में 8 मई को अपनी 3 सूत्री मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के खाली पदों पर नियमित नहीं किए जाने से नाराज हैं। वहीं, बीते एक पखवाड़े से काम बंद कर विरोध जता रहे हैं। इन्होंने मुख्यमंत्री आवास घेरने की चेतावनी दी है। इनमें बड़ी संख्या NHM के तहत काम करने वाली नर्सेस, पैथोलॉजी स्टाफ, काउंसलर आदि शामिल हैं। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने इन स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ट्वीट कर कहा- कोरोना महामारी के दौरान सरकार इन्हें कोरोना योद्धा बता रही थी। अब 20 दिन से हड़ताल पर है। अपनी ही मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। सरकार उनकी मांगों को तुरंत मानें।
मध्य प्रदेश में हज़ारों संविदा स्वास्थ्य कर्मी 20 दिन से हड़ताल पर हैं। कोरोना माहमारी के दौरान सरकार इन्हें कोरोना योद्धा बता रही थी और आज ये अपनी माँगों को लेकर आंदोलनरत हैं।
स्वास्थ्य सेवाएँ बदहाल है ऐसे में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से आम जनता को बहुत परेशानी हो…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 8, 2023
आदेश जारी करने की गुहार पर धरना
NHM के 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं। सोमवार को वे परिवार के साथ नीलम पार्क में धरने पर बैठ गए हैं। प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचकर मांगों की अर्जी मुख्यमंत्री को सौंपकर आदेश जारी करने की गुहार भी लगा सकते हैं। NHM संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान और प्रदेश अध्यक्ष विजय ठक्कर के नेतृत्व में यह आंदोलन किया जा रहा है। आपको बता दें कि एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 18 अप्रैल से अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं। मंत्रियों के बंगले का घेराव के अलावा वे जेपी हॉस्पिटल कैम्पस में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। अब वे परिवार के साथ भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
आरोप- काम के बाद भी भेदभाव
संविदा स्वास्थ्यकर्मी संघ के प्रवक्ता कोमल सिंह का कहना है कि नियमित कर्मचारियों की तरह काम करने के बाद भी भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। सुविधाओं के नाम पर अधिकारी अड़ंगे लगाते हैं, अवकाश की पात्रता नहीं है, हर काम में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया जा रहा है लेकिन उस अनुरूप सुविधा नहीं मिलती है। हर बार अधिकारी आश्वासन देते हैं, कहते हैं कि सरकार के सामने आपकी मांगों को रख दिया है, जल्द ही निराकरण होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। हर बार विरोध जताने के लिए निकलना पड़ता है, लेकिन मांगों पर विचार करने की जगह कर्मचारियों पर ही कार्रवाई की जाती है। जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक विरोध दर्ज कराएंगे।
ये भी पढ़ें...
ये हैं प्रमुख मांगें
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए। अन्य कर्मचारियों को 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतनमान तत्काल लागू किया जाए। सीएचओ कैडर को MLHP तहत नियमित किया जाए।