महू में आदिवासी की मौत के बाद देपालपुर में दबंगों की पिटाई से घायल किसान ने दम तोड़ा, लगातार हो रही वारदातों से चिंता में सरकार

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The Sootr
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महू में आदिवासी की मौत के बाद देपालपुर में दबंगों की पिटाई से घायल किसान ने दम तोड़ा, लगातार हो रही वारदातों से चिंता में सरकार

संजय गुप्ता, INDORE. महू में पुलिस की गोलीबारी में आदिवासी युवक की मौत के बाद प्रदेश सरकार के लिए एक और चिंता की खबर देपालपुर से आई, यहां दबंगों की पिटाई से कुछ दिन पहले घायल हुए किसान मायाराम की शुक्रवार (17 मार्च) को मौत हो गई। इसके बाद शनिवार (18 मार्च) को देपालुपर में विवाद हो गया और परिजन, किसानों ने शव रखकर सभी आरोपियों के मकान तोड़ने, सख्त कार्रवाई करने के साथ ही मृतक के परिजन को 50 लाख का मुआवजा, नौकरी घायलों को पांच-पांच लाख देने की मांग करने लगे। काफी समझाइश के बाद मृतक का अंतिम संस्कार हुआ। जिला प्रशासन ने मृतक के परिजन को 50 हजार के चेक दे दिया है और एट्रोसिटी एक्ट में 4.12 लाख रुपए दे रहे हैं। वहीं घायलों को 20-20 हजार दिए जा चुके हैं, उन्हें 25-25 हजार रुपए और देंगे। दिन भर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर बने रहे और किसानों को समझाते रहे। अपर कलेक्टर राजेश राठौड ने बताया कि चार आरोपी पकड़े जा चुके हैं, बाकी को भी पुलिस तलाश रही है, जल्द सभी की गिरफ्तारी होगी।



दबंगों ने की किसान की पिटाई



किसान मायाराम की जमीन को लेकर गांव के ही कुछ दबंगों से विवाद चल रहा था। इस मामले को लेकर केस चल रहा था जिसका फैसला किसान के पक्ष में आया था।जिसके बाद किसान को मौके पर कब्जा दिलाया गया। जब किसान कुछ दिन पहले जमीन पर जा रहा था तो दबंग और मुख्य आरोपी बाबू सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर किसान और उनके साथ आए लोगों पर हमला कर दिया। इसमें सात किसान गंभीर घायल हो गए। इन्हें इंदौर रैफर किया गया, वहां इलाज के दौरान मायाराम की मौत हो गई।



तेज हो गई राजनीति



आदिवासी और किसान दो ऐसे वर्ग है जिन पर बीजेपी सरकार का सबसे ज्यादा फोकस है। इन्हें अपने साथ करने के लिए बीजेपी लगातार नई-नई योजनाओं लागू कर रही है। खासकर आदिवासी युवक की मौत और युवती की हत्या ने सरकार को हिला दिया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल मामले को लेकर ट्वीट किया और मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए तो मृतक के परिजन को तत्काल दस लाख का चेक दिया गया। वहीं बीजेपी राष्ट्रीय महसाचिव और महू से पूर्व विधायक कैलाश विजयवर्गीय भी मौके पर परिजनों से मिलने पहुंचे वहीं शनिवार को पर्यटन मंत्री व स्थानीय विधायक ऊषा ठाकुर भी मिलने पहुंची। वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ भी शनिवार को पहुंचे और दोनों परिजनों को 5-5 लाख रूपए देने की बात कही, इसके पहले कांग्रेस के विधायकों, नेताओं का दल भी मौके पर गया था।



मंदसौर गोलीकांड के बाद चली गई थी सरकार



साल जून 2017 में तत्कालीन शिवराज सरकार के समय मंदसौर में किसानों पर गोलियां चली थी, इसमें पांच किसानों की मौत हो गई थी। इसके अगले साल ही हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी चुनाव हार गई और कांग्रेस की 15 साल बाद सत्ता में वापसी हुई थी। हालांकि बाद में तख्तापलट हुआ, लेकिन इस बार आदिवासियों पर गोलियां चली और इसमें एक मौत हुई। ऐसे में सरकार को डर सता रहा है कि आदिवासी बिदक नहीं जाएं, जयस पहले से ही सक्रिय है और कांग्रेस तो मुद्दे को जमकर भुनाने में लगी है। ऐसे में नवंबर 2022 में सरकार द्वारा लागू किए गए पैसा एक्ट का प्रचार कर खुद को आदिवासी हित में बताने की कोशिशें सरकार की थी, उन्हें तगड़ा झटका लगा है।


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