देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर के झांसी रोड थाना इलाके में रहने वाले डाक्टर की पत्नी को सीआरपीएफ के भगोड़े सिपाही और उसके भाई सहित चार शातिर ठगों ने प्रापर्टी डीलिंग में मोटी कमाई का सपना दिखाया और उनके साथ करीब सवा करोड़ रुपए की ठगी कर ली। यह ठगी उन्हें एक प्लाट का सौदा कराने के एवज में की गई। उनसे 31.50 लाख रुपए नकद, 60 लाख रुपए कीमत का सोना और जैगुआर कार हड़प ली। इसके अलावा उनके करोड़ों रुपए कीमत के बसंत विहार स्थित मकान और शंकरपुर की जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए। इस मामले में झांसी रोड पुलिस ने डाक्टर की पत्नी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रिश्तेदार ने ही डॉक्टर दंपति से मिलवाया था
झांसी रोड स्थित आयुष्मान हास्पिटल के पीछे रहने वाले डॉ. बालकृष्ण शर्मा की पत्नी भावना तिवारी के रिश्तेदार धर्मेंद्र तिवारी ने अमन सिंह मावई से उन्हें मिलवाया। अमन सिंह मावई को उसने प्रापर्टी डीलर बताया था। फरियादी ने बताया कि अमन सिंह पहले सीआरपीएफ में था और फिर जब वह गैरहाजिर हो गया तो उसे बर्खास्त कर दिया गया। अमन सिंह उनके घर आने-जाने लगा। उसने महिला का विश्वास जीत लिया।
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निवेश के बहाने लिए पैसे
फरियादी ने बताया कि इसके बाद अमन ने उन्हें झांसा दिया कि उनके पास जो पैसा है, वह अगर जमीन में निवेश करेंगी और प्रापर्टी डीलिंग का काम करेंगी तो बेहतर मुनाफा मिलेगा। वह उसके झांसे में आ गई। नवंबर 2022 में अमन सिंह मावई उन्हें और उनके पति से मिला। उसने कहा कि उसका एक परिचित योगेंद्र सिंह है, जिसका प्लाट गोविंदपुरी में है। उसे रुपए की जरूरत है, इसलिए वह डेढ़ करोड़ रुपए कीमत का प्लाट महज 90 लाख रुपए में बेच रहा है। दंपति प्लाट देखने चले गए। यहां उन्हें प्लाट पसंद आ गया। अमन और योगेंद्र के कहने पर 16 नवंबर को 10 लाख रुपए का चैक फिर 17 नवंबर को 15 लाख रुपए का चैक दिया। इसके बाद अलग-अलग बार में 31.50 लाख रुपए दे दिए। उसके भाई रमन सिंह मावई और भतीजे रिंकू गुर्जर के खाते में भी रुपए ट्रांसफर किए। फिर यह लोग उनके घर आए, बोले- योगेंद्र को पूरा भुगतान करना है, इसलिए बैंक के लाकर में रखा सोना उन्हें दे दे। वह झांसे में आ गई। करीब 60 लाख रुपए कीमत का सोना थमा दिया। इसके बाद चारों ठग इनके घर आए और जैगुआर कारा खरीदने का झांसा दिया।
खरीदने के बहाने ले गए जैगुआर कार
शिकायत में कहा गया कि आरोपियों ने 19.80 लाख रुपए में जैगुआर खरीदने की बात कही। इस बहाने वे उनकी कार लेकर चले गए, लेकिन लौटकर ही नहीं आए। इन लोगों ने उनसे कुछ स्टांप पर हस्ताक्षर कराकर उनके बसंत विहार स्थित मकान और शंकरपुर की जमीन के फर्जी दस्तावेज भी तैयार कर लिए। जब उन्हें पता लगा तब उन्होंने रजिस्ट्रार कार्यालय जाकर आपत्ति दर्ज कराई। यह लोग उनके मकान और प्लाट की रजिस्ट्री कराने की तैयारी में थे। दंपति ने थाने में शिकायत की और एफआइआर दर्ज कराई।