पुनीत पांडेय, BHOPAL. बालाघाट में जलजीवन मिशन में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। यह घोटाला मिशन की समूह जल प्रदाय योजना में संधारण (मेंटेनेंस) के नाम पर किया गया। घोटाले के मुख्य आरोपी ईई अरुण श्रीवास्तव को सस्पेंड कर दिया गया है। घोटाला साल 2020 से लेकर 2023 के बीच किया गया। इसमें करीब ढाई साल में बिना टेंडर किए करीब 10 करोड़ के काम करवा लिए गए और यह काम करीब 325 श्रमिकों से होना बताया गया।
जांच करने वाले संजय कुमार को चुप रहने की धमकी
वहीं, बालाघाट में 400 सिंगल टेंडरों में हुई घोटाले की जांच भी ईई श्रीवास्तव के खिलाफ चल रही है। इस जांच को करने वाले ईएनसी (प्रमुख अभियंता) संजय कुमार अंधमान को प्रकरण में चुप रहने की और जान से मारने की धमकी दी गई है। ईएनसी का आरोप है कि यह धमकी अरुण श्रीवास्तव ने दिलवाई है। इस संबंध में ईएनसी ने विभाग के पीएस को पत्र लिखकर शिकायत की है। मामले में सूत्र बताते हैं कि पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन का व अन्य लोगों का दबाव आया था। घोटाले की जांच विधायक संजय उइके की टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत के बाद सरकार ने ईएनसी से रिपोर्ट मांगी थी।
क्या दी धमकी?
ईएनसी ने पीएस को अपने पत्र में लिखा कि अरुण श्रीवास्तव ने किसी राजनेता से (मोबाइल नंबर 999352----) जान से मारने की धमकी दिलवाई और कहा गया कि बालाघाट जिले का कोई भी टेंडर निरस्त नहीं होना चाहिए।
ईएनसी ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें अरुण श्रीवास्तव द्वारा एक पत्रकार ओपी दुबे के माध्यम से भी परेशान करवाया जा रहा है। इसकी कंप्लेंट उन्होंने भोपाल के टीटी नगर थान में की है। तब भी उन्हें कुछ राजनीतिक लोगों ने मामले में चुप रहने की चेतावनी दी और कहा कि ऐसा नहीं होने पर उन्हें जान का खतरा हो सकता है।
कम बिड के टेंडर निरस्त कर ज्यादा में दिए
एक अन्य केस में अरुण श्रीवास्तव ने एक चार करोड़ के टेंडर में दादागुरु कंस्ट्रक्शन की बिड को निरस्त कर दिया। यह बिड चार करोड़ के बेस प्राइस से 10 फीसदी कम यानी 3.60 करोड़ में लगाई गई थी। लेकिन उनके टेंडर को निरस्त कर दिया गया और बाद में यह टेंडर दूसरी कंपनी को 5 फीसदी ज्यादा पर दे दिया गया। इस तरह किए गए 400 सिंगल टेंडरों 10 फीसदी ज्यादा पर दिए गए, जिनमें 60 करोड़ का घोटाला किया गया। इसके अलावा श्रीवास्तव की दूसरी शिकायत भी की गई जिसमें बालाघाट में जल जीवन मिशन के 67 टेंडर स्वीकृत किए गए थे। इनमें से 12 टेंडरों में ही एक से ज्यादा बिड थीं, बाकी 55 सिंगल बिड को स्वीकृति दे दी गई।