राजीव उपाध्याय, DAMOH. पूर्व मंत्री राजा पटेरिया के द्वारा प्रधान मंत्री की हत्या करने संबंधी बात कही थी जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद देश भर उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष चंद्रप्रकाश शेखर द्वारा पूर्व मंत्री राजा पटेरिया को 12 दिसंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
कांग्रेस कमेटी ने इस कृत्य को अनुशासनहीनता माना
कांग्रेस कमेटी ने यह कृत्य घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी को माना था और 3 दिन में जवाब देने और उसके बाद संतोषजनक जवाब न मिलने पर कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से निष्कासित किए जाने की चेतावनी दी थी। इसी दिन 12 दिसंबर को ही राजा पटेरिया ने एक माफीनामा की तरह पत्र लिखकर कहा कि मोहनदास करमचंद गांधी का अदना अनुयायी और सच और साहस का सिपाही, मैं राजा पटेरिया कहना चाहता हूं ये जो सत्य अहिंसा से लोगों के उत्थान का संघर्ष मध्यप्रदेश में कांग्रेस के यशस्वी कमलनाथ जी के नेतृत्व में कर रहे हैं। ये एक वैचारिक लड़ाई है, यह संघर्ष गांधी और गोडसे का संघर्ष है।
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एफआईआर या किसी दबाव के चलते जवाब नहीं दे रहा
राजा पटेरिया ने लिखा कि एक वक्तव्य में ऐसा प्रतीत हो गया जैसे व्यक्ति और विचार एक नाम हो जाते हैं, लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि एफआईआर या किसी दबाव के चलते नहीं सिर्फ अपने इष्ट मेरे गांधी के विचारों की रक्षा हेतु में, अथवा कांग्रेस पार्टी किसी हिंसा, किसी भी किस्म की हिंसक अथवा वैमनस्य भावना का न समर्थन करते हैं ना कभी करेंगे। किसी को ऐसा आशय मेरी बातों से लगा तो माफ किया जाए, मेरा ऐसा कोई अर्थ नहीं था। ऐसे अनर्थ ना बनाया जाए। इसी के साथ, मैं यह भी दोहरा दूं कि मैं अपने नेता श्री कमलनाथ जी का झंडा बरदार हूं और उनके साथ हम, इस फांसीवादी सरकार को उखाड़ फेकेंगे।
हम गोडसे के खिलाफ थे, खिलाफ हैं, खिलाफ रहेंगे
गोडसे विचारधारा के प्रतिनिधि सभी के हम खिलाफ हैं हम इस देश और समाज से भय, अत्याचार, वैमनस्यता, गरीबी और भूख के शासन के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं। भले ही पूर्व मंत्री पटेरिया ने इस पत्र में माफी की बात कही हो, लेकिन उनके द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ जिस प्रकार के शब्दों का इसेमाल किया है उस पर अफसोस जाहिर नहीं किया। वहीं दूसरी ओर उन्हें मिले नोटिस की समय सीमा आज खत्म हो रही है और आज ही उन पर कार्रवाई भी संभव है। क्योंकि प्रदेश कांग्रेस का कोई भी नेता उनके साथ नहीं खड़ा है, केवल नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ही उनके साथ खड़े होते दिखाई दे रहे हैं।