BHOPAL. दमोह स्थित न्यायालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत ने आरोपी और तत्कालीन एसडीओपी तेंदूखेड़ा जीपी शर्मा को धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 20,000 रूपये का जुर्माना की सजा सुनाई है। जबकि आरोपी एसआई एमटीओ, तत्कालीन वाहन चालक एएसआई विजय कुमार चढ़ार को दोषमुक्त कर दिया है।
27 सितंबर 2015 का मामला
जानकारी के अनुसार 27 सितंबर 2015 को ब्रजपाल पटेल निवासी फुटेरा हटा जिला दमोह ने एसडीओपी तेन्दुखेड़ा जीपी शर्मा के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर को आवेदन पत्र दिया था कि उसके पुत्र अजय पटेल पर थाना जबेरा में लड़की को भगाकर ले जाने के साथ एससी, एसटी एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया था, जिसकी विवेचना एसडीओपी तेन्दूखेड़ा जीपी शर्मा कर रहे हैं।
10,000 रुपये की रिश्वत मांगी
आवेदक ने उक्त अपराध में अपने पुत्र की अग्रिम जमानत दमोह न्यायालय से मंजूर कराई थी, जिसका आदेश लेकर 22 सितंबर 2015 को आवेदक एवं उसका पुत्र अजय पटेल अपने अधिवक्ता के साथ उनके कार्यालय गया था, जहां एसडीओपी जीपी शर्मा ने जमानत तस्दीक के लिये 10,000 रुपये रिश्वत की मांग की। आवेदक रिश्वत नहीं देना चाहता था।
लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा
आवेदक ने इसकी शिकायत एस पी से की। 28 सितंबर 2015 को रिश्वत मांग वार्ता रिकॉर्ड की गई। जिसमें 29 सितंबर 2015 को आरोपी और आवेदक के मध्य रिश्वत का लेनदेन होना तय हुआ था, जिस पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा ट्रैप दल का गठन कर आरोपी एसडीओपी तेंदूखेड़ा के शासकीय आवास में आरोपी को आवेदक से 5 हज़ार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। न्यायालय ने दस्तावेज एवं अभियोजन पक्ष से सहमत होते हुए एसडीओपी तेंदूखेडा जीपी शर्मा को दोषी पाते हुए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 20,000 रूपये अर्थदंड से दंडित किया, जबकि आरोपी विजय कुमार चढ़ार को बाइज्जत बरी कर दिया। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री हेमंत कुमार पाण्डेय एवं श्री अनंत सिंह ठाकुर द्वारा की गई।