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Bhopal/Jabalpur. मध्यप्रदेश में वकीलों और हाईकोर्ट के बीच गतिरोध शनिवार को भी जारी रहा। शुक्रवार को मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने वकीलों को काम पर लौटने निर्देशित किया था। यह भी कहा था कि वकील पैरवी करने उपस्थित नहीं हुए तो उन पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इस निर्देश का वकीलों पर खास असर नहीं पड़ा। भोपाल और जबलपुर में वकीलों ने अपना प्रतिवाद जारी रखा। भोपाल में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पीसी कोठारी ने दो टूक कहा कि हम अवमानना की कार्रवाई के लिए तैयार हैं, चाहो तो जेल भर दिया जाएगा।
इधर जबलपुर में भी वकील काम से विरत रहे। इस दौरान बार एसोसिएशन ने काम से विरत रहे वकीलों को गुलाब के फूल देकर उनका स्वागत किया है। वहीं वकीलों ने स्टेट बार एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट आर के सिंह सैनी से मांग की है कि एजी ऑफिस को नोटिस दिया जाए। बता दें कि स्टेट बार काउंसिल का प्रतिनिधिमंडल आज सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों से मुलाकात करने जा रहा है। जिसके बाद आगे की रणनीति पर विचार होगा। स्टेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी ऐलान किया है कि मैं स्वयं सबसे पहले जेल जाने तैयार हूं।
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भोपाल और जबलपुर में बार एसोसिएशन की बैठकें हुईं, जिनमें वकीलों की एकता के नारे लगाए भी लगाए गए। बता दें कि स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर 25 मार्च तक प्रतिवाद दिवस के रूप में वकीलों से काम से विरत रहने का आह्वान किया गया था। हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद स्टेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी वीडियो जारी कर वकीलों से न डरने की अपील की थी।
शुक्रवार को चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने 10 पृष्ठीय विस्तृत आदेश में स्पष्टतौर पर कहा कि यदि इसका पालन नहीं हुआ तो इसे अवज्ञा माना जाएगा और उनके विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इस आदेश का वकीलों पर कोई खास असर होता नहीं दिखाई दिया।