देव श्रीमाली, GWALIOR. मध्यप्रदेश के कूनो अभ्यारण में नामीबिया से लाकर बसाए गए चीतों में से एक महीने में हुई 2 चीतों की मौत के बाद सरकार और वन विभाग में हड़कंप मच गया है। दूसरे चीते की मौत की वजह ना मिलने ने चिंता और परेशानी और बढ़ा दी है, जिसके चलते अब कूनो नेशनल पार्क के चीतों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के विकल्प पर भी विचार शुरू हो गया है। इसी को लेकर कल 25 अप्रेल को ग्वालियर में वन विभाग के बड़े अधिकारियों की एक बड़ी अनौपचारिक बैठक हुई। इस बैठक में चीतों की मौत और शिफ्टिंग को लेकर रणनीति बनाने समेत विकल्पों पर चर्चा हुई। हालांकि मीडिया को इस पूरी कवायद से दूर रखा गया, लेकिन बताया जा रही है कि इस बैठक में भोपाल सीआई वन्य जीव प्राणी विशेषज्ञ और वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
एक माह में दो चीतों की हुई मौत
बीते एक माह में दो नामीबियाई चीतों की मौत ने सरकार और वन्य प्राणी विशेषज्ञ लोगों को चिंता में डाल दिया है। पहले चीते की मौत की वजह तो उनकी किडनी में हुए संक्रमण को माना गया। इसके चलते इसे असमान्य नहीं माना गया लेकिन महज एक माह के भीतर ही तीन दिन पहले साउथ अफ्रीकन चीता उदय की अचानक मौत हो जाने से खलबली मची हुई है। यह मौत रहस्यमय भी है क्योंकि कैमरे के फुटेज से साफ पता चलता है कि मौत के कुछ देर पहले तक उदय एकदम स्वस्थ्य और प्रसन्नचित्त दिख रहा था। हालांकि बताया जा रहा है कि इस चीते की मौत कार्डियक अटैक से हुई है, जिसका सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है।
कम जगह से भी हो सकती है दिक्कत
हालांकि सरकार की तरफ से औपचारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा, लेकिन सूत्रों की माने तो कूनो की आबोहवा चीतों को रास नहीं आ रहा है। साथ ही उन्हें जितनी जगह चाहिए फिलहाल उन्हें नहीं मिल पा रही है। इसके लिए उन्हें कही और शिफ्ट करने के विकल्प की तलाश करनी चाहिए ताकि वहां भी उनके लिए वांछित हैबीटेट तैयार किया जा सकें।
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ग्वालियर में हुई बड़ी बैठक
चीतों की मौत के बाद 25 अप्रेल को ग्वालियर के सीसीएफ कार्यालय में एक बड़ी बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में भोपाल से वन्य जीव प्राणी विशेषज्ञ भी शामिल हुए। साथ ही मध्य प्रदेश के वन विभाग के अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद रहे। वही बैठक में ग्वालियर चंबल संभाग के सभी डीएफओ भी शामिल हुए हैं। हालांकि इस बैठक से मीडिया से एकदम अलग रखा गया। अधिकारियों ने कहा कि चीतों को लेकर सारी मॉनिटरिंग भोपाल से हो रही है, लिहाजा इस बैठक का चीतों से जुड़े पहलुओं से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि जिस तरीके से लगातार कूनो अभ्यारण में सीटों का मौत का मामला आ रहा है उससे यह आशंका जताई जा रही है कि कहीं ना कहीं चीते अपने आपको ढाल नहीं पा रहे हैं। इन्ंही सारी परिस्थितियों पर विचार के लिए ग्वालियर में यह हाइलेबल बैठक आयोजित हुई।