PANNA. मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में टाइगर T-7 की मौत हो गई है। अकोला बफर क्षेत्र के बीट बांधी उत्तर में मृत अवस्था में मिला है। टाइगर के शरीर में चोट के निशान पाए गए हैं। पोस्टमार्टम के बाद के बाद वन विभाग ने अंतिम संस्कार कर दिया है। साथ ही मामले की जांच कर रही है। हालांकि, लगातार हो रही बाघों की मौत से कई सवाल भी उठने लगे हैं।
मौत आपसी लड़ाई के कारण होने की आशंका
दरअसल पन्ना कोर परिक्षेत्र के अकोला बफर क्षेत्र के बीट बांधी उत्तर में नियमित गश्ती के दौरान बाघ टी-7 मृत (tiger t7 dead) पाया गया। सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया। तत्काल डाग स्क्वाड को मौके पर बुलाकर सर्चिंग करवाई गई। मौके पर अवैध गतिविधि के कोई चिन्ह नहीं पाए गए। प्रथम दृष्ट्या बाघ की मौत आपसी द्वंद के कारण होना प्रतीत हुआ है।
जांच रिपोर्ट के बाद और स्थिति स्पष्ट हो पाएगी
क्योंकि मृत बाघ के शरीर में दांत गड़ने के कई निशान पाए गए। मृत बाघ का सम्पूर्ण शरीर मौके पर पाया गया। मृत बाघ की उम्र लगभग 14-15 वर्ष है। मृत बाघ का पोस्टमार्टम वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने किया है और सैंपल एकत्रित किए गए। अधिकारियों की मौजूदगी में बाघ का दाह संस्कार किया गया। Virology, Toxicology और Histopathology के लिए सैंपल भेजे जा रहे है। सैंपल की जांच रिपोर्ट के बाद और स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
यह खबर भी पढ़ें
कुछ दिन पहले टी-7 की एक युवा बाघ से फाइटिंग हुई थी
पन्ना टाइगर रिजर्व में बढ़ती बाघों की संख्या के बीच उम्रदराज बाघों को आपसी फाइटिंग का सामना करना पड़ रहा है। कभी-कभी उम्रदराज बाघों को युवा बाघों के सामने घुटने टेकने पड़ जाते हैं। अकोला बफर क्षेत्र में बीते कुछ दिन पहले टी 7 की एक युवा बाघ से फाइटिंग हुई थी। वह घायल हो गया था। उसकी गंभीर हालत में मौत हो गई। उसका शव अकोला बफर क्षेत्र की उत्तर बांधी बीट में मिला है। पीटीआर के फील्ड डायरेक्टर बृजेन्द्र झा ने बताया कि बाघ का मौत का कारण आपसी फाइटिंग प्रथम दृष्टया सामने आई है। उसके शरीर में दांतों के निशान मिले हैं। बाघ के शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम करवाकर शव का अंतिम संस्कार करवा दिया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले की जांच की जाएगी।