भोपाल. मध्यप्रदेश में प्राइवेट स्कूल संचालकों ने बड़ा फैसला लिया है। कोरोना में माता-पिता या दोनों में से एक को खोने वाले बच्चों से दो साल तक आधी फीस ली जाएगी। एसोसिएशन ऑफ अन-ऐड प्राइवेट स्कूल मध्यप्रदेश के सचिव बाबू थॉमस ने बताया कि एसोसिएशन के सभी सदस्यों ने ये फैसला लिया। एसोसिएशन के तहत प्रदेश में सीबीएसई (CBSE) और आईसीएसई (ICSE) बोर्ड 10 हजार से ज्यादा स्कूल हैं। प्रदेश में कोरोना से अब तक 10 हजार 522 लोगों की मौत हो चुकी है।
CM से की अपील
सचिव बाबू थॉमस ने बताया कि कोरोना के कारण कई बच्चों ऐसे हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो दिया। इसी कारण एसोसिएशन ने ऐसे बच्चों से आधी फीस लेने का फैसला लिया है। हमने मुख्यमंत्री (CM) शिवराज सिंह चौहान से भी अपील की है कि ऐसे बच्चों की आधी फीस सरकार भरे, ताकि किसी भी बच्चे की पढ़ाई को बीच में ना रोकना पड़े।
क्या है प्रक्रिया
सचिव थॉमस ने बताया कि इसके लिए बच्चे को एसोसिएशन से जुड़े स्कूल में एक आवेदन देना होगा। आवेदन की जांच के साथ ही उस बच्चे को इसका लाभ दिया जाने लगेगा। अगर शासन बच्चे की शेष आधी फीस भरता है, तो ऐसे परिवारों को काफी राहत मिलेगी।
मप्र सरकार कोरोना की दूसरी लहर में अनाथ बच्चों का पूरा खर्च उठा रही है। 1 मार्च से 30 जून 2021 के दौरान माता-पिता दोनों या अभिभावक की मौत वाले बच्चों को इसका लाभ मिल रहा। प्रदेश भर से शासन को 395 आवेदन मिले। इनमें से 323 पात्रों में से 228 की सहायता मंजूर की जा चुकी है।