इंदौर-4 विधानसभा सीट इंदौर की अयोध्या, चुनाव में जातिगत समीकरणों का पड़ता है सीधा असर; 15 सालों से विकास ही मुद्दा

author-image
Rahul Garhwal
एडिट
New Update
इंदौर-4 विधानसभा सीट इंदौर की अयोध्या, चुनाव में जातिगत समीकरणों का पड़ता है सीधा असर; 15 सालों से विकास ही मुद्दा

INDORE. इंदौर-4 विधानसभा सीट इंदौर का पश्चिम क्षेत्र है। 90 के दशक में इंदौर पश्चिम क्षेत्र विकसित था लेकिन जैसे-जैसे इंदौर का विस्तार हुआ इंदौर के पूर्वी क्षेत्र ने पश्चिम क्षेत्र को विकास के मामले में पीछे छोड़ दिया। इंदौर पश्चिम के क्षेत्र को पुराना इंदौर कह सकते हैं। होलकरों का लालबाग पैलेस इसी इंदौर-4 सीट में आता है। इसके अलावा प्रशासनिक संकुल भी यहीं मौजूद है। पुरानी धरोहरों में यहां कांच महल है। जिसे देखने आज भी सैलानी आते हैं।



इंदौर-4 विधानसभा सीट का सियासी मिजाज



इंदौर-4 को इंदौर की अयोध्या कहा जाता है। उसकी वजह हैं दिवंगत बीजेपी नेता लक्ष्मण सिंह गौड़। गौड़ कट्टर हिंदूवादी छवि के नेता रहे हैं और इस सीट पर वोटों का ध्रुवीकरण बहुत तेजी से होता है। बहरहाल इंदौर-4 की विधायक उन्हीं की धर्मपत्नी मालिनी गौड़ हैं जो 4 बार की विधायक हैं और इंदौर की मेयर भी रह चुकी हैं लेकिन ये सीट 1990 तक कांग्रेस के ही पाले में रही है। इंदौर-4 विधानसभा सीट 1967 में अस्तित्व में आई दो बार पूर्व विस अध्यक्ष और कांग्रेस नेता यज्ञदत्त शर्मा विधायक रहे। कांग्रेस का तिलस्म 1990 में कैलाश विजयवर्गीय ने तोड़ा। इसके बाद विजयवर्गीय यहां से चुनाव नहीं लड़े लेकिन 1993 के बाद से पिछले 30 सालों से गौड़ परिवार काबिज है।



इंदौर-4 विधानसभा सीट के जातिगत समीकरण



जातिगत समीकरणों का प्रभाव इंदौर की इसी विधानसभा सीट पर पड़ता है। इस क्षेत्र में 44 हजार सिंधी मतदाता हैं। ब्राह्मण 54 हजार, मुस्लिम 26 हजार, जैन 25 हजार, मराठी 13 हजार और 8 हजार सिख वोटर्स हैं। इस तरह से करीब ढाई लाख से ज्यादा वोटर्स हैं।



इंदौर-4 विधानसभा सीट का सियासी समीकरण



इंदौर-4 विधानसभा सीट, इंदौर की दूसरी सीट है जो परिवारवाद का शिकार है। बीजेपी ने यहां से मालिनी गौड़ को तीसरी बार मैदान में उतारा  पहले इस सीट से उनके पति लक्ष्मण सिंह गौड़ तीन बार विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस ने गौड़ परिवार के अलावा जितने भी समुदाय के लोगों को टिकट दिया उन सभी की हार हुई। कांग्रेस को इस सीट पर जीतने का कोई तोड़ ही नहीं मिल रहा। अबकी बार गौड़ परिवार को टिकट मिलेगा या नहीं इस पर सवाल पूछे जा रहे हैं क्योंकि बीजेपी अब परिवारवाद को नकार रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं जो जिताऊ हो।



इंदौर-4 विधानसभा सीट के मुद्दे



इंदौर-4 में पिछले 15 सालों से विकास ही मुद्दा है। पिछला चुनाव मालिनी गौड़ ने विकास के मुद्दे और स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर लड़ा। मगर यही स्मार्ट सिटी मुसीबत बनी। मुस्लिम इलाके के मतदाता विधायक की उपेक्षा से नाराज हैं। इसके अलावा ट्रैफिक भी एक बड़ी समस्या है साथ ही मालिनी गौड़ पर स्वास्थ्य सुविधाएं और शिक्षा में कोई काम न करने के आरोप लगते हैं। इस पर बीजेपी और कांग्रेस नेता अपनी-अपनी दलीलें देते हैं। इन तमाम मुद्दों के अलावा इंदौर-4 के स्थानीय नागरिक, पत्रकार और स्थानीय नेताओं से बातचीत में और भी कई मुद्दे सामने आए।



इंदौर-4 विधानसभा क्षेत्र के विधायक से सवाल




  • बारिश के पानी की निकासी के क्या इंतजाम किए ?


  • दशहरा मैदान और उसके आसपास के इलाके में विकास नहीं हुआ है ?

  • विकास का कोई बड़ा प्रोजेक्ट इस क्षेत्र में क्यों नहीं आया ?

  • जवाहर मार्ग पर ट्रैफिक समस्या हमेशा रहती है ?

  • त्योहारों के दौरान व्यापारियों से अवैध चंदा वसूली को रोकने की कोशिश की ?



  • ये खबर भी पढ़िए..



    बीजेपी का अभेद किला है उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट, 20 साल से है कब्जा, चेहरे बदले, आज भी है पेयजल बड़ी समस्या



    सवालों से भागती नजर आईं विधायक मालिनी गौड़



    जब इन तमाम सवालों को लेकर विधायक मालिनी गौड़ से संपर्क किया गया तो उन्होंने तबीयत खराब होने का हवाला दिया और उन्होंने लिखित में भी जवाब देना मुनासिब नहीं समझा। यानी विधायक मालिनी गौड़ सवालों से भागती नजर आईं।



    #MOOD_OF_MP_CG2022 #MoodofMPCG


    Indore-4 assembly seat MP News Madhya Pradesh Assembly Election mp election Malini Gaur Mood_of_MP_CG2022 mp chunav Mood of MP CG मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव MP Assembly Election 2023