देवास में लैंड पुलिंग योजना के खिलाफ किसान बोले- जान दे देंगे, जमीन नहीं देंगे, योजना वापस नहीं ली तो विधानसभा चुनाव लड़ेगा संघ

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Jitendra Shrivastava
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देवास में लैंड पुलिंग योजना के खिलाफ किसान बोले- जान दे देंगे, जमीन नहीं देंगे, योजना वापस नहीं ली तो विधानसभा चुनाव लड़ेगा संघ

दिलीप मिश्रा, DEWAS. देवास के निवेश क्षेत्र में लैंड पुलिंग योजना जहां किसानों के लिए मुसीबत बन गई है वहीं सरकार के लिए गले की हड्डी बनती नजर आ रही है। लैंड पुलिंग योजना का देवास में जबरदस्त विरोध देखा जा रहा है। युवा किसान संघ ने आज इसे लेकर एक पत्रकारवार्ता की। पत्रकारवार्ता में युवा किसान संघ ने लैंड पुलिंग योजना का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि अगर सरकार यह योजना वापस नहीं लेती तो वे गांव-गांव जाकर किसानों में जागृति की अलख जगाएंगे, फिर भी अगर इसे वापस नहीं लिया जाता है तो युवा किसान संघ देवास जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा, क्योंकि सत्ता में बैठे लोग सिर्फ वोटों की राजनीति समझते हैं। 





विधायक ने योजना को निरस्त करने की मांग की





युवा किसान संघ के अध्यक्ष रविंद्र चौधरी ने हाटपीपल्या विधायक मनोज चौधरी पहले लैंड पुलिंग योजना के समर्थन में थे किंतु जब उन्हें समझ में आया कि यहां के सभी किसान इसके विरोध में हैं तो उन्होंने किसानों को साथ ले जाकर मुख्यमंत्री से चर्चा कर इसे निरस्त करने की मांग की। उस समय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा था कि किसानों की बिना सहमति के उनकी एक इंच जमीन भी नहीं ली जाएगी। 





32 गांवों को लैंड पुलिंग योजना में लेने का नोटिफिकेशन जारी किया





किंतु इंदौर में हुई इनवेस्टर्स मीट में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के पास एक लाख 22 हजार एकड़ का लैंड बैंक मौजूद है उद्योगपति जिस पर हाथ रख देंगे वह जमीन उन्हें एक महीने में दे दी जाएगी। उन्होंने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार सितंबर में देवास के 32 गांवों को लैंड पुलिंग योजना में लेने का नोटिफिकेशन जारी कर चुकी है। आपत्ति के लिए एक महीनें का समय था जिसमें किसानों ने आपत्ति लगाई, जिसके निराकरण के लिए 45 दिन की अवधि थी किंतु सरकार ने 45 दिन बीत जाने के बाद भी कोई निराकरण नहीं किया।





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इन गांवों में अधिकांश गांव हाटपीपल्या क्षेत्र के हैं





देवास के अमोना, बिंजाना, रसूलपुर, लोहार पिपल्या, बांगर, सिंगावदा, लोहारी, मरेठी, हवनखेड़ी, राजोदा, सिरोलिया, धामंदा सहित 32 गांव जिन्हें इस योजना में लिया गया है इन 32 गांवों की करीब 26 हजार 500 बीघा जमीन आ रही है। इन गांवों में अधिकांश गांव हाटपीपल्या क्षेत्र के हैं। उन्होंने देवास विधायक पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें लगता है कि ये नहीं चाहते कि मनोज चौधरी चुनाव जीते। 





भारी-भरकम टैक्स भी किसानों से वसूला जाएगा





रविंद्र चौधरी ने कहा कि अगर यह योजना आती है तो आने वाले समय में किसानों को दूसरी जगह विस्थापित होना पड़ेगा। लैंड पुलिंग योजना में जो डेवलप जमीन किसानों को मिलेगी वह औद्योगिक होगी तो उसका भारी-भरकम टैक्स भी किसानों से वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि जो जमीन 80 में किसानों से ली गई थी, उसमें ही 70 फीसदी उद्योग बंद पड़े हैं। पत्रकारवार्ता में आए लोहारपिपल्या के किसान मदनलाल पटेल ने कहा कि हम जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे। 



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