भोपाल. पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया (Panchayat Election procss) पर पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamalnath) ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब परिसीमन और आरक्षण (Reservation) को लेकर न्यायालय में याचिकाएं लगी हुई है तो आज अचानक आधे अधूरे में, जल्दबाजी में पंचायत चुनाव की घोषणा समझ से परे? सरकार इन चुनावों से डरी हुई है, वह चुनाव करवाना नहीं चाहती है। वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) ने पलटवार करते हुए कहा कि चुनाव की घोषणा के पहले दिन से ही कांग्रेस (Congress) को हार का भय सताने लगा है, इसलिए वे इसे असंवैधानिक प्रचारित कर रहे हैं।
सरकार चाहती है चुनावों पर रोक लगे- कमलनाथ
कांग्रेस नेता ने कहा कि पता नही क्यों वर्ष 2014 के आरक्षण के आधार पर वर्ष 2021-22 में चुनाव करवाए जा रहे है? रोटेशन पद्धति (panchayat election rotation method) से आरक्षण प्रक्रिया के नियम का पालन क्यों नही किया जा रहा है? लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन क्यों किया जा रहा है? सरकार चाहती है कि भविष्य में चुनावों पर रोक लग जाए और वो कह सके कि हम तो चुनाव कराना चाहते थे।
कांग्रेस को ज्ञान नहीं- वीडी शर्मा
वीडी शर्मा ने कहा कि चुनाव की तारीखों का ऐलान राज्य निर्वाचन आयोग ने किया है, ना कि सरकार या BJP ने। जहां तक आरक्षण की बात है, तो एक तय समय अवधि के दौरान तक अगर इंप्लीमेंट नहीं होता, तो वह स्वतः खत्म हो जाता है। शायद कांग्रेस को ज्ञान नहीं है। उन्हें इसके तकनीकी पक्ष को जानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा के पहले दिन से ही कांग्रेस को हार का भय सताने लगा है, इसलिए वे इसे असंवैधानिक प्रचारित कर रहे हैं।
हाईकोर्ट में जाएंगे- विवेक तंखा
कांग्रेस सांसद विवेक तंखा ने पंचायत चुनाव की घोषणा को संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ सोमवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की जाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा विचित्र कानूनी परिस्थिति में कॉन्स्टिटूशन प्रक्रिया और प्रावधान की पूर्ण अनदेखी कर की गई है। प्रदेश सरकार द्वारा पारित अध्यादेश जनता के साथ धोखा है। जनता का विश्वास कोर्ट के साथ कानून द्वारा स्थापित राज का संदेश देना हम सब का दायित्व है।
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