BHOPAL. मध्य प्रदेश में सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है। ये हड़ताल 17 फरवरी से ही शुरू हुई थी। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने चिकित्सा महासंघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर हड़ताल खत्म किए जाने का ऐलान किया।
ये बोले चिकित्सा शिक्षा मंत्री
विश्वास सारंग ने कहा कि हमारी सभी चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ बातचीत हुई। कल (16 फरवरी) भी बातचीत हुई थी। चर्चा के बाद चिकित्सा महासंघ की मांगों को लेकर हाईपॉवर कमेटी बना रहे हैं। कमेटी मांगों पर विचार करेगी, रिकमंडेशन देगी। सरकार समयसीमा में इस पर निर्णय करेगी। जो विषय महासंघ की तरफ से सामने आए हैं, उन सब पर विचार होगा।
ये हैं डॉक्टर्स की मांगें
- डीएसीपी लागू करना।
सरकारी डॉक्टर्स हड़ताल पर जाते तो व्यवस्था पर असर पड़ता
मध्यप्रदेश के करीब 13 हजार डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इसमें तहसील के करीब 300 पब्लिक हेल्थ सेंटरों के साथ-साथ 600 गांवों के हेल्थ सेंटर्स के डॉक्टर शामिल हैं। इसमें जूडा, राजपत्रित आयुष चिकित्सा अधिकारी संघ, संविदा, गैस राहत, सीनियर रेसीडेंट एसो. समेत कई अन्य डॉक्टर्स भी शामिल हैं। 17 फरवरी सुबह जब हड़ताल शुरू हुई तो अस्पतालों में भर्ती मरीज परेशान हो गए। कई अस्पतालों के बाहर नंबर के इंतजार में लंबी लाइन दिखी। अस्पतालों में इमरजेंसी, ओपीडी, ऑपरेशन और पोस्टमॉर्टम सब बंद हो गए थे।
स्वास्थ्य- मेडिकल एजुकेशन विभाग दोनों ने हड़ताल पर जाने का लिया था फैसला
प्रदेश में ऐसा पहली बार हो हुआ, जब स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल एजुकेशन विभाग दोनों के डॉक्टर्स एक साथ हड़ताल पर चले गए। उन्होंने सरकार के सामने अपनी मांगे रखीं थी। आज ( 17 फरवरी) सुबह से ही मध्यप्रदेश शासकीय एवं स्वशासी चिकित्सक महासंघ के आह्वान पर प्रदेशभर के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे, लेकिन करीब 11.30 बजे सरकार ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया।