सीहोर में 33 वर्षों से न्याय की गुहार लगा रहा बुजुर्ग, कलेक्टर ऑफिस के बाहर अनशन पर बैठा

author-image
Vivek Sharma
एडिट
New Update
सीहोर में 33 वर्षों से न्याय की गुहार लगा रहा बुजुर्ग, कलेक्टर ऑफिस के बाहर अनशन पर बैठा

कवि छोकर, SEHORE. कहावत है कि हिंदुस्तान में न्याय सिर्फ पैसे वालो को ही नसीब होता है। गरीबों को अदद न्याय के लिए आज भी संघर्ष करना पड़ता है। कुछ ऐसा ही मामला यहां देखने को मिला। दरअसल एक बुजुर्ग पिछले 33 वर्षों से शासन और प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है। प्रशासन के निकम्मपने से नाराज होकर अब बुजुर्ग आमरण अनशन पर बैठ गया है। दरअसल आष्टा निवासी 73 वर्षीय बुजुर्ग किशोर वर्मा पिछले 33 वर्षों से न्याय की उम्मीद में जिले के अधिकारियों सहित भोपाल स्थित कमिश्नर कार्यालय के चक्कर काट रहे है किशोर वर्मा को जब 33 वर्ष शासकीय कार्यालयों के चक्कर काटने के बाद भी न्याय नहीं मिला तो थक हारकर गांधीवादी तरीके से जिला कलेक्टर ऑफ़िस के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए। 



प्रशासन ने तोड़ दिया था मकान



किशोर वर्मा जब 35 वर्ष के थे तब किशोर वर्मा और उनके भाई का मकान प्रशासन के अधिकारियों ने अतिक्रमण बताकर तोड़ दिया था तब से किशोर वर्मा न्याय के लिए दर दर भटक रहे है हर उस जगह जिसे न्याय का मंदिर कहा जाता है हर उस चौखट पर जहां शासन के बड़े अधिकारी बैठते हैं अपनी शिकायत लेकर पहुंचे।  तब तत्कालीन कलेक्टर के डीपी राव  ने आदेश देते हुवे कहा कि आपकी जमीन आपको वापस कर दी जाएगी। एसडीएम के पास से आप कागज ले लेना पर अब उस जमीन पर आष्टा के एक दबंग ओर रसूखदार नेता ने कब्जा कर लिया है और उससे कब्जा हटाने में शासन को पसीना आ रहा है। इसके चलते किशोर वर्मा को न्याय नही मिल पा रहा है थक हार कर किशोर वर्मा ने कलेक्टर कार्यलय के समक्ष भूख हड़ताल शुरू कर दी है। 


Elderly hunger strike in Sehore Elderly deprived of justice elders waiting for justice Sehore news सीहोर में बुजुर्ग की भूख हड़ताल सीहोर में बुजुर्ग का आमरण अनशन 33 वर्षों से न्याय के इंजतार में बुजुर्ग बुजुर्ग को नहीं मिला इंसाफ