BHOPAL. आज 27 फरवरी 2023 है। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में पिछली बार (2018 में) 28 नवंबर को वोटिंग हुई थी। अगर थोड़ी देर के लिए हम मान लें कि 2018 की तरह इस बार भी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में 28 नवंबर को ही वोटिंग होती है तो इस लिहाज से नई सरकार आने में अब ठीक 9 महीने ही शेष हैं। यानी प्रसव काल आरंभ हो चुका है और दोनों ही राज्यों में गर्भावस्था के लक्षण भी दिखाई भी देने लगे हैं।
द सूत्र ने चुनाव के लिए कसी कमर
पिछले करीब एक पखवाड़े से दोनों ही राज्यों में राजनीतिक गतिविधियां और आरोप-प्रत्यारोप अचानक बहुत तेज हो गए हैं। प्रसव काल बेहद महत्वपूर्ण कालखंड होता है। प्रसूता की जितनी ज्यादा देखभाल होती है, जच्चा-बच्चा के सेहतमंद होने की गारंटी उतनी ही ज्यादा होती है। देखभाल भी अनुभवी चिकित्सक की देखरेख में होती है तो मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस बार चुनावों में क्या होने जा रहा है इसकी देखभाल के लिए द सूत्र ने भी अभी से कमर कस ली है। हमने भी दोनों ही प्रदेशों के चुनिंदा, बेहद प्रतिष्ठित, अनुभवी, तथ्य और तर्क के साथ अपनी बात रखने वाले और जिनकी जबर्दस्त साख है, ऐसे पत्रकारों, रिटायर्ड अफसरों और समाज की नब्ज पर बारीकी से नजर रखने वाले जानकारों की टीम तैयार कर ली है।
प्रदेश में क्या चल रहा है ये बताएंगे एक्सपर्ट
ये वरिष्ठ जानकार कल (28 फरवरी से) हर 15 दिन में दोनों ही प्रदेशों की राजनीतिक सेहत की जांच करेंगे और द सूत्र के यूजर्स की जिज्ञासा शांत करेंगे कि प्रदेश में क्या चल रहा है? समीकरण और हालात कैसे बदल रहे हैं? किस पार्टी को.. किस घटना.. किस बयान का क्या फायदा और क्या नुकसान हो रहा है? इतना ही नहीं, ये जानकार गहन विश्लेषण और अध्ययन करके बाकायदा नंबर देकर किस पार्टी की सेहत अच्छी है और किसकी कमजोर ये भी बताएंगे। आपको चुनाव होने तक हर महीने की 15 और 28 तारीख को इन जानकार पत्रकारों के शोधपरक लेख भी पढ़ने को मिलेंगे और उनके दिए नंबरों को देखकर आप सहज ही अंदाजा भी लगा सकेंगे कि किस प्रदेश में किस पार्टी की सेहत कैसी है और उसके पीछे के क्या कारण हैं।
एक्सपर्ट से सीधे सवाल कर सकेंगे आप
इसके साथ ही 15 और 28 तारीख को ही हर महीने शाम 6 बजे से आप इन वरिष्ठजनों को द सूत्र के तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाइव देख भी सकेंगे। आपके मन में अगर कोई सवाल उठ रहा होगा तो आप सीधे जानकार से कार्यक्रम के दौरान ही ऑनलाइन पूछकर अपनी जिज्ञासा भी शांत कर सकेंगे।
आने वाले दिनों में आपको द सूत्र पर जिन राजनीतिक, सामाजिक विशेषज्ञों से रूबरू होने का मौका मिलेगा, उनमें ये शामिल हैं..
- वरिष्ठ पत्रकार काशीनाथ शर्मा (जबलपुर)