दमोह में पहाड़ पर भरे जा रहे लाड़ली बहना के फार्म, नेटवर्क न मिलने के चलते पहाड़ पर लग रहा लाड़लियों का जमघट

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Rajeev Upadhyay
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दमोह में पहाड़ पर भरे जा रहे लाड़ली बहना के फार्म, नेटवर्क न मिलने के चलते पहाड़ पर लग रहा लाड़लियों का जमघट

Damoh. दमोह में नेटवर्क समस्या के चलते शासन की महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना के फार्म भरने में परेशानी आ रही है। आलम तो ऐसा है की दमोह के हटा ब्लाक के मडियादो वनांचल गांव में 300 फीट ऊंचे पहाड़ पर महिलाओं को बैठाकर लाड़ली बहना योजना के फार्म भरे जा रहे हैं। गांवों में चर्चा चल रही है कि प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना पहाड़ पर चढ़ाई वाली योजना है। 



1000रुपए के लिए 300 फीट ऊंचे पहाड़ की चढ़ाई




दमोह जिले को हटा तहसील के मडियादो  के समीप की ग्राम पंचायत चोरैया में नेटवर्क ना मिलने के कारण लोगों को इंटरनेट संबंधी कार्यों के लिए परेशान होना पड़ता है। वर्तमान में शासन की सबसे महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत भरे जा रहे आवेदनों के लिए कलकुआं गांव की महिलाओं को गांव से 8 किलोमीटर दूर चौरईया के जंगल की 300 फीट ऊंची घाटी पर जाना पड़ रहा है। रोजगार सहायक राकेश यादव के अनुसार कलकुआं गांव में कमजोर नेटवर्क के कारण वेरिफिकेशन ओटीपी नहीं आती है। इसलिए महिलाओं को सामूहिक रूप से ऊंचाई वाले स्थान पर बुलाकर फार्म भरते हैं। 




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  • इसी तरह चोरईया में भी नाम मात्र के लिए सिग्नल आता है, लेकिन इंटरनेट नहीं चलता है। जिस कारण से लाड़ली बहना योजना के फार्म भरने के बाद ग्राम पंचायत भवन की छत पर काम करते हैं। क्योंकि उचाई पर जाने से गांव में इंटरनेट चलता है। कभी-कभी चौरईया गांव और पाटन गांव के लोगों को भी कलकुआ के ऊपर वाली 300 फीट ऊंचे पहाड़ पर ले जाना पड़ता है।



    बता दें कि ग्राम चोरईया घने जंगलों और ऊंचे पहाड़ी के बीच तलहटी में बसी पंचायत है। जिसके अंतर्गत 3 गांव आते हैं जो एक दूसरे से 10 किलोमीटर की दूरी पर बसे हैं। आसपास के जंगल और क्षेत्र छतरपुर जिले का है। कलकुआ, पाटन, चौरईया गांव में एक भी नेटवर्क टावर नहीं है। ग्रमीणों के छतरपुर जिले के अन्य ग्रामों में लगे टावर से कभी कभार ही सिग्नल मिल पाते हैं। जिससे मुश्किल से बात हो पाती है। 



    मडियादो निवासी सुधीर मिश्रा का  कहना है कि इस क्षेत्र की अनेक पंचायतों में इस प्रकार की समस्या आती है जिससे शासन की योजनाओं का लाभ मिलने में भी ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नेटवर्क समस्या के संबंध में दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने कहा की नेटवर्क की समस्या तो आ रही है इसके समाधान के लिए प्रयास किया जा रहा है।


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