इंदौर. प्रदेश के बड़े शहरों में मॉल और बिल्डिंग संचालक नियमों का उल्लंघन कर लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। इस संबंध में एक याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट की बेंच ने पहली बार देश के विस्फोटक नियंत्रक, तीन प्रमुख सचिव, दो कमिश्नर, कलेक्टर को नोटिस जारी किया है। याचिका में बताया गया कि राजधानी भोपाल (Bhopal), इंदौर, जबलपुर (Jabalpur), ग्वालियर (Gwalior) समेत प्रदेश के शहरों में बने मॉल, हाइराईज बिल्डिंगों के संचालकों ने भूमि विकास नियम, नेशनल बिल्डिंग कोड, फॉयर सेफ्टी नियम, विस्फोटक अधिनियम का उल्लंघन किया गया है। कभी भी इन भवनों/मॉल में विस्फोट होने या आग लगने का बड़ा खतरा है, जिससे बड़ी जनहानि होने की संभावना है। इस संबंध में 8 अक्टूबर को हाईकोर्ट की इंदौर बेंच (High Court Bench Indore) में सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी कार्रवाई नहीं
पत्रकार और RTI कार्यकर्ता राजेन्द्र के.गुप्ता ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में एक याचिका दाखिल की थी। याचिका पर हाईकोर्ट डीबी बेंच ने PS GAD, PS नगरीय प्रशासन, अपर मुख्य सचिव गृह, कमिश्नर नगरीय प्रशासन, विस्फोटक नियंत्रक नागपुर, कलेक्टर इंदौर (Indore Collector), कमिश्नर नगर पालिका निगम इंदौर को नोटिस जारी किए है। गुप्ता के आवेदनों पर राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए, लेकिन इसके बाद भी अफसरों ने कार्रवाई नहीं की। अफसरों ने कमेटी बना कर जांच करने की अनुशंसा की, लेकिन कमेटी नहीं बनाई गई। विस्फोट नियंत्रक इंदौर कलेक्टर को जिम्मेदार बताते रहे और कलेक्टर विस्फोटक नियंत्रक को।
हादसों के बाद भी वही स्थिति
उपहार सिनेमा कांड में 59 लोगो की मौत हुई थी, पेटलावद में 78 निर्दोष आम लोगो की मौत हुई थी, सूरत (Surat) में हुए अग्निकांड में 20 से अधिक छात्र छात्राओं के मौत हुई थी, आग से बचने के लिए बिल्डिंग से कूदते, गिरते हुए लोगों के वीडियो वायरल हुए थे। इंदौर के रानीपुरा में 08 लोगों की मौत हुई थी, दोषी टीआई चंद्रभान सिंह चढ़ार पीथमपुर पदस्थ, ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है, घटना होने पर प्रशासन जांच करने निकल पड़ता है और कुछ दिन बाद वही स्थितियां बन जाती है।