नासिर बेलिम रंगरेज,UJJAIN. आज यानी 14 जुलाई को देशभर में श्रावण मास दिवस (shravan month day) मनाया जा रहा है। श्रावण मास दिवस का आज पहला दिन है। इस वजह से सुबह से ही शिव मंदिरों (Shiva temples) में भक्तों का तांता लगा हुआ है। उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालु (Devotees) देर रात से कतार में लगे हैं। तड़के सुबह लगभग तीन बजे बाबा महाकाल (Baba Mahakal) की भस्मारती शुरू हुई, जिसका हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिए। श्रावण मास भगवान भोलेनाथ का सबसे खास महीना माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि श्रावण महीने में शिव आराधना करने से सभी कष्टों से तत्काल मुक्ति मिलती है।
आज के दिन का भक्त करते है विशेष इंतजार
श्रावण के पहले दिन यानी आज (14 जुलाई) को महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई। भस्मारती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महापंचामृत अभिषेक किया गया। इसमें दूध ,दही ,घी ,शहद और फलों के रस से अभिषेक हुआ। अभिषेक (अभिषेक) के बाद भांग और चंदन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रृंगार किया गया। भगवान को वस्त्र धारण करवाए गए। इसके बाद बाबा को भस्म चढ़ाई गई। भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े और शंखनाद के साथ बाबा की भस्मार्ती की गई। भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते है इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहौल है। दरअसल कोरोना(corona) के दो साल बाद ये पहला अवसर है, जब श्रावण माह में भक्तों पर किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं है। यही कारण है कि भक्तों में काफी उत्साह है।
हर सोमवार दो घंटे पहले होगी संध्या पूजा
महाकाल मंदिर में शाम पांच बजे भगवान महाकाल की संध्या पूजा होती है। इसके बाद भगवान का भांग श्रृगार किया जाता है। श्रावण महीने के हर सोमवार और भादौ (भाद्रपद) मास में अमावस्या से पहले आने वाले सोमवार पर भगवान महाकाल की सवारी निकलती है। इस वजह से इन सोमवार को संध्या पूजन के समय में बदलाव किया जाता है। इस दिन संध्या पूजन शाम पांच बजे की जगह दोपहर में तीन बजे होती है।