भोपाल में लिवर ट्रांसप्लांट: 6 डॉक्टरों ने मिलकर किया ऑपरेशन, 18 दिनों तक देखरेख में मरीज

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भोपाल में लिवर ट्रांसप्लांट: 6 डॉक्टरों ने मिलकर किया ऑपरेशन, 18 दिनों तक देखरेख में मरीज

भोपाल. यहां के एक निजी अस्पताल में इंदौर की 51 वर्षीय डेंटल सर्जन डॉ. संगीता पाटिल का लिवर एक 35 वर्षीय युवक को लगाया गया। लिवर को एंबुलेंस से भोपाल तक लाने के लिए ग्रीन कारीडोर बनाया गया। लिवर को लेकर एंबुलेंस रात 7.30 बजे इंदौर से रवाना हुई। भोपाल में रात 10:15 बजे लिवर अस्पताल में पहुंचा। लिवर जैसे ही हॉस्पिटल पहुंचा उसके आधे घंटे के अंदर ही लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू हो गई। लिवर ट्रांसप्लांट करने वाले डॉ स्कंद त्रिवेदी ने कहा कि पहली बार भोपाल में ब्रेन डेड मरीज का लिवर ट्रांसप्लांट भोपाल के डाक्टरों की टीम ने किया है। अभी तक अस्पतालों में बाहर के डाक्टरर्स की टीम आकर ऑपरेशन करती थी।

11 सितंबर को हुई लूट की वारदात

अनूप नगर में रहने वाली डेंटल सर्जन डॉ संगीता पाटिल के साथ 11 सितंबर को सुखलिया चौराहे पर लूट हुई थी। लूट के दौरान वह गंभीर रुप से घायल हो गई थीं। उन्हें सिर पर भी चोटें आईं थीं। बेटी निहारिका से उन्होंने ब्रेनडेथ घोषित किए जाने के पहले ही अंगदान की इच्छा जताई थी।

SP के निर्देश

इंदौर से गुरुवार यानी 16 सितंबर की शाम 7.35 बजे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लिवर भोपाल लाया गया। इंदौर प्रशासन ने सीहोर, देवास और भोपाल एसपी को निर्देश दिए थे कि इंदौर से रवाना हुई इस एम्बुलेंस को टोल नाकों और चौराहों पर लेन खाली मिले, वह इस बात का इंतजाम करें।

The Sootr द सूत्र भोपाल में लिवर ट्रांसप्लांट
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