BHOPAL. महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों ने नियमितीकरण के मांग को लेकर 30 अप्रैल, रविवार को विशाल रैली निकाली। मौसम खराब होने और तेज बारिश के बावजूद रैली लगातार आगे बढ़ती रही। अतिथि विद्वानों के प्रदर्शन को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर सीएम शिवराज पर तंज कंसा। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में अतिथि विद्वान राजधानी भोपाल में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। मूसलाधार बारिश के बीच वे मुख्यमंत्री से सिर्फ यही मांग कर रहे हैं कि जो वादा किया था, उसे पूरा करें।
बड़ी संख्या में अतिथि विद्वान राजधानी भोपाल में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। मूसलाधार बारिश के बीच वे मुख्यमंत्री से सिर्फ यही मांग कर रहे हैं कि जो वादा उन्होंने अतिथि विद्वानों से किया था, उसे पूरा करें। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक महिला अतिथि विद्वान बेहोश भी हो…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 30, 2023
मुख्यमंत्रीजी आजकल आप किसी और के मन की बात सुन रहे हैं
पूर्व सीएम ने ट्ववीट में आगे लिखा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार एक महिला अतिथि विद्वान बेहोश भी हो गई हैं। मुख्यमंत्रीजी मैं जानता हूं कि आप आजकल जनता के मन की बात सुनने की जगह किसी और के मन की बात सुन रहे हैं। लेकिन आपसे निवेदन है कि अतिथि विद्वान मध्यप्रदेश के भविष्य का निर्माण करते हैं, उनके साथ वादाखिलाफी किसी भी राजनीतिक शुचिता के खिलाफ है। आपको तत्काल उनकी न्यायोचित मांगों पर कार्यवाही करनी चाहिए।
रैली में हजारों हुए अतिथि विद्वान शामिल
विशाल रैली में हजारों की संख्या में अतिथि विद्वान शामिल हुए। रैली की शुरुआत हलालपुर बस स्टैंड से सुबह 11 बजे हुई। समापन नीलम पार्क में किया गया।
कांग्रेस-भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए नियमितीकरण को ठहराया था जायज
2018 के विधानसभा सभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाकर भाजपा की सरकार को सत्ता से बाहर फेंक दिया था। उस समय भी भोपाल में अतिथि विद्वानों ने धरना प्रदर्शन किया था और भाजपा के दिग्गज नेताओं ने अतिथि विद्वानों की नियमितीकरण की मांग को जायज ठहराया था। वहीं आज जब भाजपा सत्ता में है तो कांग्रेस ने अतिथि विद्वानों का साथ दिया।
कांग्रेस सरकार में गरजे थे सिंधिया
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और केन्द्रीय मंत्री सिंधिया अतिथि विद्वानों के धरने में बोले थे अगर अतिथि विद्वान नियमित नहीं हुए तो मैं आपके साथ सड़कों पर उतर आऊंगा, लेकिन आज अतिथि विद्वान तो सड़कों पर है, लेकिन सिंधिया नहीं।
अतिथि विद्वान ने कहा- मानदेय में गुजारा चलाना मुश्किल
अतिथि विद्वान रामबाबू दांगी का कहना है कि सरकार के द्वारा अभी जो मानदेय दिया जा रहा है, उसमें परिवार का लालन-पालन ही सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। रोटी के लाले पड़ रहे हैं। 25 साल से अधिक समय हो गया पढ़ाते-पढ़ाते फिर भी हमारा भविष्य सुरक्षित नहीं है।
हमारी मांगें जो पार्टी पूरी करेगी, हम उसका समर्थन करेंगे
अतिथि विद्वान संघ के अध्यक्ष देवराजसिंह का कहना है की सभी राजनीतिक पार्टियां हमारा राजनीतिक उपयोग करती है। अतिथि विद्वानों को राजनीतिक मुद्दा बनाती है। लेकिन, हमारी मांग तो कोई भी पार्टी पूरी नहीं कर रही है। हम चुनाव में अपनी ताकत दिखाएंगे और जो पार्टी पूरा करेगी, हम उस पार्टी का समर्थन करेंगे।