गंजबासौदा में नंबर प्लेट पर हाईकोर्ट लिखी गाड़ी से लोकायुक्त पुलिस बनकर पहुंचे 3 युवक, बैंक मैनेजर से मांगे एक लाख, दो गिरफ्तार

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Jitendra Shrivastava
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गंजबासौदा में नंबर प्लेट पर हाईकोर्ट लिखी गाड़ी से लोकायुक्त पुलिस बनकर पहुंचे 3 युवक, बैंक मैनेजर से मांगे एक लाख, दो गिरफ्तार

दीपेश जैन, GANJBASODA.  शहर में 3 युवक नकली लोकायुक्त पुलिस की टीम बनाकर, नागरिक बैंक गंजबासौदा के मैनेजर हरिओम भावसार के घर पहुंचे। यहां उन्होंने आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में हुई शिकायत की जानकारी दी और कार्रवाई की बात कही। उन तीनों में से एक व्यक्ति ने अपना परिचय लोकायुक्त डीएसपी योगेश कुरचनिया के रूप में दिया। दरअसल, नागरिक बैंक गंज बासौदा के मैनेजर हरिओम भावसार के ऊपर लोकायुक्त में आय से अधिक संपत्ति की हुई थी शिकायत। 



मामले को रफा-दफा करने मैनेजर से एक लाख रुपए की मांग की 



बैंक मैनेजर ने लोकायुक्त पुलिस बनकर पहुंचे युवकों से कार्यवाही संबंधित दस्तावेज की मांग की तो उन्होंने एक कागज भी दिखाया। उक्त मामले को रफा-दफा करने का आश्वासन देकर मैनेजर से एक लाख रुपए की मांग की गई, लेकिन बैंक मैनेजर को शक होने पर उन्होंने अपने परिचितों को फोन लगाकर शक जाहिर किया। बढ़ती भीड़ के कारण तीनों आरोपियों असहज महसूस करने लगे और मौके से भागने का प्रयास किया। जिसमें एक आरोपी भागने में सफल रहा और 2 लोग नागरिकों के हत्थे चढ़ गए।



पजेरो स्पोर्ट गाड़ी पर हूटर के साथ नंबर प्लेट पर "हाई कोर्ट" लिखा था



दोनों फर्जी युवकों की पहचान निकेत शर्मा व आरपी मालवीय के रूप में हुई, जिसमें आरपी मालवीय एक सरकारी कर्मचारी है जो उद्यानिकी विभाग में पदस्थ बताया जा रहा है। इनके पास एक लग्जरी सफेद रंग की पजेरो स्पोर्ट गाड़ी भी बरामद हुई है जिस पर हूटर के साथ नंबर प्लेट पर "हाई कोर्ट" लिखा हुआ था। वहीं एक आरोपी पर लोकायुक्त पुलिस डीएसपी योगेश खुरचानिया की पुराना सा आईडी कार्ड भी बरामद है। घटना की सूचना लगते ही दोपहर को एडिशनल एसपी समीर यादव गंजबासौदा पहुंचे और आरोपियों से पूछताछ की।



यह पूरा मामला हाई प्रोफाइल जालसाजी का नजर आ रहा है और पूरा घटना क्रम अपने अंदर कई प्रश्न खड़े करता है- 




  • जैसे कि लोकायुक्त में बैंक प्रबंधक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति  की अगर शिकायत हुई भी है तो इन तीनो फर्जी लोगों तक यह सूचना विभाग से कैसे लीक हुई।


  • हाल ही में लोकायुक्त विभाग से स्थानांतरित हुए डीएसपी योगेश कुरचानिया का ही नाम लेकर अवैध वसूली करने नगर में कैसे आए।

  • एक सरकारी कर्मचारी फर्जी लोकायुक्त पुलिस क्यों बना।

  • आरोपी अपने साथ लग्जरी वाहन पजेरो स्पोर्ट जिसका क्रमांक एमपी 09 सीएम 0029 से आए, जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों से दोनों और हाई कोर्ट लिखा है, वह आखिर किसका है।

  • मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण पुलिस भी बहुत फूंक-फूंककर कदम रख रही है।


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