समिट के विज्ञापनों में सरकार बोली- 15 साल में 14% करार ही धरातल पर उतरे, अब कागज की जगह ठोस प्रस्ताव पर नजर

author-image
Vijay Choudhary
एडिट
New Update
समिट के विज्ञापनों में सरकार बोली- 15 साल में 14% करार ही धरातल पर उतरे, अब कागज की जगह ठोस प्रस्ताव पर नजर

संजय गुप्ता, INDORE. प्रदेश में साल 2007 से शुरु हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सफर सातवीं समिट पर आ गया है और बुधवार को सातवीं समिट शुरू हुई। लगातार इन समिट के माध्यम से कागजी करारों को लेकर सरकार हमेशा सवालों के घेरे में रही है। समिट के शुभारंभ को लेकर सरकार के दिए गए विज्ञापन से खुद यह बात सामने आ गई है। सरकार के दिए गए एक विज्ञापन में कहा गया कि 15 सालों में हुई समिट के जरिए 17 लाख करोड़ के करार हुए थे जिसमें से 1.60 करोड़ के करार 15 सालों में जमीन पर उतर आए हैं। यानि करार के सफल होने का प्रतिशत केवल 14 फीसदी रहा है। वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक इंटरव्यू में कहा था कि डील सक्सेस का रेट 25 फीसदी होता है, यानी यह उनकी उम्मीद से भी 11 फीसदी कम रहा। वहीं इन करार के जरिए जहां 15 से 17 लाख रोजगार के अवसर पैदा होने थे, वहीं रोजगार मिला केवल दो लाख 37 हजार लोगों को। 



publive-image



बीती समिट में हुए करार, निवेश राशि और असल आया निवेश



1- 2007 समिट- करार 102- 1.20 लाख करोड़ के कारर हुए- असल 17311 करोड़ का निवेश आया- 49 हजार 750 को रोजगार



2- 2010 समिट- करार 109 हुए- 2.35 लाख करोड़ के करार हुए- 27 हजार करोड़ निवेश आया- 25 हजार को रोजगार



3- 2012 समिट- करार 425 हुए- 3.50 लाख करोड़ के करार हुए- 26 हजार करोड़ निवेश आया- 3153 रोजगार मिला



4- 2014 समिट- करार 3160 हुए- 4.35 लाख करोड़ के करार हुए- 49 हजार करोड निवेश आया- 39 हजार को रोजगार



5- 20 हजार 116 समिट- 2635 करार हुए- 5.63 लाख करोड़ के करार हुए- 33 हजार करोड़ निवेश आया- 93 हजार को रोजगार 



ये खबर भी पढ़ें...






इस समिट में अभी तक 50 हजार करोड़ का ठोस निवेश तय



इस बार इंदौर में हो रही समिट को लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने तय किया है कि केवल ठोस प्रस्ताव पर बात होगी, जिसमें वास्तव में काम हो। बताया जा रहा है कि इसके लिए कम से कम 50 हजार करोड़ का निवेश तय है, वहीं मप्र शासन को 179 प्रस्ताव ऐसे मिले हैं, जिसमें निवेश राशि एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा हैं। साथ ही 100 से 1 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव की संख्या 708 है। कुल निवेश प्रस्ताव 6 हजार से ज्यादा बताए जा रहे हैं, जिसमें से 3 हजार प्रस्ताव पर गंभीरता से काम हो रहा है। समिट के लिए 65 देशों के प्रतिनिधियों के साथ 20 देशों के डिप्लोटमेंट, 90 बड़े निवेशक रहेंगे। सीएम 450 उद्योगपतियों के साथ वन टू वन मीटिंग करने जा रहे हैं। 2 दिन की समिट में विविध 18 सेक्टर में निवेश को लेकर विशेष सत्र होंगे। इसमें मुख्य फोकस, ऑटोमोबाइल, टैक्सटाइल और फार्मा सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग पर रहेगा।



publive-image



चार गुना करना है मप्र की अर्थव्यस्था



पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन डालर करने का मिशन रखा हुआ है, इसी के तहत सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 550 बिलियन डालर यानि 44 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा जो वर्तमान अर्थव्यवस्था 11 लाख करोड़ का चार गुना है। सीएम का कहना है कि आज भारत में सबसे ज्यादा विकास दर 19.76 फीसदी मप्र की है, ये आज देश का फूड बास्केट है, सबसे ज्यादा गेंहू होता है। पहले जीडीपी में हिस्सा 3.6 फीसदी था जो आज देश में बढ़कर 4.6 फीसदी हो गया है।



गौतम अदानी, मुकेश अंबानी नहीं आए, लेकिन इनसे उम्मीदें



मध्य प्रदेश को निवेश में कुमार मंगलम बिडला, प्रणव अदानी, पार्थ जिंदल, अजय पिरामल, नादिर गोदरेज, पुनीत डालमिया, नोएल टाटा, निखिल आर मेसवानी, एमए युसुफ, अनिल कुमार, नरसिम्हा राव, रवि कुमार रेड्‌डी, जमशेद नवल कूपर, रवि झुनझुनवाला, नरेन गोयनका से काफी उम्मीदें हैं। हालांकि मुकेश अंबानी और गौतम अदानी नहीं आए हैं।

 


Global Investors Summit Madhya Pradesh Global Investors Summit Indore मध्यप्रदेश न्यूज Madhya Pradesh News इंदौर में 7 वीं समिट 15 साल के समिट 14% करार मध्यप्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 7th Summit Indore 15 years summit 14% agreement