भोपाल. सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मौत केवल इसलिए हो जाती है क्योंकि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता है, लेकिन अब आप खुद घायलों की मदद कर सकते हैं और नगद पुरस्कार भी पा सकते हैं। देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं (Road Accident) में मृत्युदर में कमी लाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने गुड समेरिटन स्कीम (Good Samaritan Scheme) लागू की है। मंत्रालय ने पिछले मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) की धारा 134 ए में संशोधन किया था जिसमें गुड समेरिटन को संरक्षण देने का प्रावधान जोड़ा था। कई राज्यों ने ये स्कीम लागू की है, अब मप्र में भी ये स्कीम 15 अक्टूबर से लागू कर दी गई है।
गुड समेरिटन का मतलब क्या ?
गुड समेरिटन बाइबल का वर्ड है और इसका मतलब होता है अच्छा और नेक इंसान यानी मददगार। इसके स्कीम के तहत सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को बचाने वाले गुड समेरिटन को 5 हजार रुपए नगद प्रोत्साहन राशि और प्रशंसा पत्र दिया जाएगा।
क्या रहेगी पात्रता ?
कोई भी व्यक्ति जो सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुआ है उसे यदि गुड समेरिटन गोल्डन ऑवर में तत्काल अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर पहुंचाता है तो वो इसके लिए पात्र होंगे।
क्या है गोल्डन ऑवर ?
गोल्डन ऑवर का मतबल है कि दुर्घटना होने के एक घंटे के भीतर घायल व्यक्ति को इलाज मुहैया करवाना ताकि उसकी जान बचाई जा सके।
क्या रहेगी आवेदन की प्रक्रिया ?
घायल को जैसे ही गुड समेरिटन अस्पताल (Hospital) पहुंचाएगा तो उसके बारे में डॉक्टर स्थानीय पुलिस को सूचित करेंगे। पुलिस गुड समेरिटन का पता, घटना का विवरण, मोबाइल नंबर, बैंक खाते का नंबर ये सब जानकारी एक निर्धारित फॉर्म में दर्ज करेगी।
जिला अप्रेजल कमेटी तय करेगी अवॉर्ड
इस फॉर्म को जिला अप्रेजल कमेटी को भेजा जाएगा। जिला अप्रेजल कमेटी कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित होगी। जिसमें एसपी, सीएमएचओ (CMHO) और जिला परिवहन अधिकारी सदस्य रहेंगे। कमेटी मामलों की समीक्षा कर अवॉर्ड देने का फैसला करेगी। ये सूची राज्य परिवहन आयुक्त को भेजी जाएगी। राज्य परिवहन आयुक्त सीधे गुड सेमेरिटन के बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि जमा कर देंगे।
व्यक्तिगत जानकारी गोपनीय रहेगी
गुड समेरिटन पुलिस को जो व्यक्तिगत जानकारी देंगे वो केवल अवॉर्ड देने के लिए इस्तेमाल होगी बाकी किसी काम के लिए डिटेल्स यूज नहीं की जाएगी। एक गुड सेमेरिटन को साल में ज्यादा से ज्यादा 5 केस में ही इनाम दिया जाएगा। यदि एक से ज्यादा गुड समेरिटन घायल की जान बचाते हैं तो पुरस्कार की राशि उनमें बराबर बांट दी जाएगी।
केंद्र भी देगा अवॉर्ड, राज्य भेजेगा 3 केस
राज्य सरकार तीन केस केंद्र सरकार को भेजेगी। जिन्हें चेक किया जाएगा और 10 केस में केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय दिल्ली (Delhi) में कार्यक्रम कर ऐसे लोगों को सम्मानित करेगा। सम्मान राशि के तौर पर इन लोगों को 1-1 लाख रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा।