एक सरकारी सर्कुलर ने ले ली आठ लोगों की जान, निजी अस्पतालों के दबाव में सरकार ने ताक पर रख दिए बिल्डिंग परमीशन के नियम

author-image
The Sootr
एडिट
New Update
एक सरकारी सर्कुलर ने ले ली आठ लोगों की जान, निजी अस्पतालों के दबाव में सरकार ने ताक पर रख दिए बिल्डिंग परमीशन के नियम

अरुण तिवारी, BHOPAL. जबलपुर में न्यू लाइफ मल्टीस्पे​शेलिटी हॉस्पिटल में 1 अगस्त 2022 को लगी आग में 8 लोगों की मौत होने के मामले में नया खुलासा हुआ है। इसे सरकार की बड़ी लापरवाही मानी जाएगी जिसके कारण एक सरकारी कागज ने आठ लोगों की जान ले ली। हैरानी की बात ये भी है कि स्वास्थ्य विभाग का ये सर्कुलर निजी नर्सिंग होम संचालकों के दबाव में जारी किया गया। मामला विधानसभा में उठा तो सरकार ने एक बार फिर पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए। 





सरकारी कागज ने कराया अग्निकांड





एक सरकारी कागज आठ लोगों की मौत की वजह बन गया। सुनने में अजीब लगता है लेकिन ये बिल्कुल सच है। स्वास्थ्य महकमे की इतनी बड़ी लापरवाही क्यों और कैसे हुई ये आपको सिलसिलेवार बताते हैं। मामला जबलपुर के एक अस्पताल में हुए अग्निकांड से जुड़ा हुआ है। 1 अगस्त 2022 को जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशेलिटी अस्पताल में आग लग गई। इस आग्निकांड में आठ लोग काल के गाल में समा गए। इस मामले की जांच हुई, अस्पताल प्रबंधन समेत कुछ सरकारी नुमाइंदों पर कार्रवाई भी हो गई और मामला ठंडा पड़ गया। लेकिन इस अग्निकांड की असली वजह तब सामने आई जब विधानसभा में जबलपुर से कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना और तरुण भनोट ने पूरे मामले पर सवाल खड़े किए। विनय सक्सेना ने कहा कि बिल्डिंग परमीशन के नियमों को ताक पर रख दिया गया और विभाग के एक अधिकारी ने नया सर्कुलर जारी कर दिया जो इस पूरे अग्निकांड की वजह बन गया। तरुण भनोट ने कहा कि दो मंजिल बिल्डिंग में चार मंजिल अस्पताल चला और विभाग आंख मूंदे बैठा रहा। इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने कहा कि बिल्डिंग परमीशन के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन एक सर्कुलर जारी किया गया जिसके बाद बिल्डिंग परमीशन के बाद अलग से कंप्लीशन सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये  निजी नर्सिंग होम संचालकों के ज्ञापन के बाद ही जारी किया गया।







  • ये भी पढें







जबलपुर में Dr कुरारिया के बाद डॉ.पटैल और डॉ चौधरी भी हुए बहाल, संभागीय आयुक्त ने जारी किया आदेश





इस तरह सर्कुलर बना यमराज 





अस्पताल ने नगर निगम से आवासीय मकान बनाने की बिल्डिंग परमीशन ली। बिल्डिंग परमीशन मिली ग्राउंड फ्लोर और एक मंजिल की। लेकिन बिल्डिंग में दो मंजिल और तान दी गईं। और आवास की जगह वहां सुपर स्पेशेलिटी अस्पताल बन गया। नियमों के मुताबिक भवन निर्माण के बाद कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेना आवश्यक है ताकि परमीशन के अनुसार उसका निर्माण और सारे सुरक्षा उपाय देखे जा सकें। इसके बाद ही कंप्लीनशन सर्टिफिकेट जारी किया जा सकता है। लेकिन ये पूरी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह थी सरकार का सर्कुलर। सरकार ने निजी अस्पतालों के दबाव में एक सर्कुलर जारी किया जिसमें कहा गया कि बिल्डिंग परमीशन को ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट माना जाए। स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने विधानसभा में ये माना कि बिल्डिंग परमीशन और कंप्लीशन सर्टिफिकेट से जुड़े नगर पालिक नियम के अधिनियम को नहीं बदला गया। बल्कि निजी नर्सिंग होम एसोसिएशन की मांग पर एक सर्कुलर जारी किया गया जिसमें साफ था कि बिल्डिंग परमीशन ही काफी है। सवालों से घिरे स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी को इस काम को सही ठहराने की कोई वजह नहीं मिली और वे विपक्ष के सवालों में उलझ कर रह गए। 





विधायकों ने साधा एसीएस पर निशाना





मामला इतना बड़ा था कि जल्दी ठंडा होने वाला नहीं था। कांग्रेस विधायकों ने सदन में ये साफ कहा कि स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मो. सुलेमान के कारण ये सब हुआ। और वे अधिकारी दीर्घा में बैठे सब सुनते रहे। प्रभुराम चौधरी कोई जवाब नहीं दे पाए तो संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा को खड़ा होना पड़ा। नरोत्तम ​ने सदन में घोषणा की कि इस मामले की फिर जांच कराई जाएगी।



 



दबाव में सरकार निजी अस्पताल में आग जबलपुर अस्पताल अग्निकांड rules changed government under pressure fire in private hospital Jabalpur hospital fire building permission बिल्डिंग परमीशन के बदले नियम