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योगेश राठौर, INDORE. धार जिले में 304 करोड़ की लागत से बने कारम डैम के तोडने की घटना के बाद मप्र सरकार द्वारा की गई कागजी कार्रवाई भी कोई काम नहीं आई। मप्र हाईकोर्ट इंदौर बैंच ने इस मामले में पेटी कांट्रेक्ट लेने वाली ग्वालियर की सारथी कंसट्रक्शन कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश पर रोक लगा दी है, साथ ही पंजीयन भी निरस्त नहीं होगा। इस मामले में कंपनी की ओर से तर्क दिया गया था कि उन्होंने सरकार से कोई सीधा अनुबंध नहीं किया था और ना ही कार्रवाई के पहले कोई नोटिस दिया गया और हमारा पक्ष सुना गया। इन आधार पर हाईकोर्ट ने सारथी कंपनी को लेकर दिए गए मप्र शासन के आदेश पर रोक लगा दी।
कंपनी ने 99.86 करोड़ में लिया था ठेका
कारम डैम बनाने के लिए दिल्ली की एएनएस कंस्ट्रक्शन कंपनी ने दस अगस्त 2018 को यह ठेका लिया था, इसमें से कुछ काम पेटी कांट्रेक्ट के माध्यम से कंपनी ने ग्वालियर की सारथी कंसट्रक्शन को 99.86 करोड़ रुपए में दस अक्टूबर 2018 को दे दिया। जिसमें अगस्त 2021 तक पूरा करना था, लेकिन यह मियाद कोविड के चलते खत्म हो गई और काम अधूरा रहा, जिसके बाद कंपनी ने ताबड़तोड़ जल्दबाजी में काम किया। कंपनी को अगस्त 2022 को यह काम पूरा करना था। इसी दौरान अगस्त 2022 में ही यह कारम डैम में दरार आ गई, जिसके बाद इसे तोड़ना पड़ा।
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गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मित्र है सारथी कंपनी के डायरेक्टर
ग्वालियर की सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर अशोक भारद्वाज, गौरव भारद्वाज और राजश्री भारद्वाज है। भारद्वाज परिवार गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के भी करीब मित्र है, जिसे खुद मंत्री ने इंदौर में मीडिया से चर्चा में स्वीकार किया था और कहा था कि हम सार्वजनिक जीवन जीते हैं और अशोक मेरे मित्र है और मित्रता कोई गुनाह नहीं है। वैसे भी कारम नदी पर बना डैम, वास्तव में डैम नहीं था यह तालाब जैसी संरचना थी।
दरार के बाद तोड़ना पड़ा था कारम डैम
12 अगस्त 2022 को कारम डैम में दरार पड़ने की बात सामने आने के बाद आसपास के गांवों को खाली कराया गया था। बाद में डैम की एक ओर की दीवार तोड़कर पानी निकाला गया था। इसमें चार दिन तक पूरा अमला जुटा रहा और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ुा था।