संजय गुप्ता, INDORE. केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू होने से दिसंबर 2022 तक के नहीं भरे गए रिटर्न एक साथ भरने के लिए कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए एमनेस्टी स्कीम लागू की है। टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन और सीए एसोसिएशन द्वारा हुए कार्यक्रम में सीए पल्केश असावा ने जानकारी देते हुए बताया कि जीएसटी में वार्षिक रिटर्न (जीएसटीआर 9 एवं 9C) विलम्ब से फाइल करने पर 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पेनल्टी देना होती है, कई करदाता समय पर रिटर्न फाइल करने से चूक गए जिसके कारण उन पर पेनल्टी की राशि लाखों में आ रही थी और वह रिटर्न नहीं भर रहे थे। इसके लए सरकार ने एक अप्रैल से यह स्कीम लागू की इसके तहत 2017-18 से लेकर 2021 -22 तक के सभी रिटर्न अधिकतम 20 हजार की लेट फीस के साथ फाइल किए जा सकते हैI इसके लिए 30 जून 2023 तक अपने पुराने सभी रिटर्न फाइल करना होंगI इसके पश्चात् रिटर्न फाइल करने पर पूरी पेनल्टी देय होगीI यह हजारों कारोबारियों के लिए बड़ी राहत देने वाली स्कीम है।
यह भी मिलेगी राहत
इसके साथ ही कंपोजिशन टैक्सपेयर के लिए भी पुराने रिटर्न फाइल करने को लेकर लेट फीस में छूट दी गई है। ऐसे करदाता अब जुलाई 2017 से लेकर मार्च 2022 के सभी रिटर्न मात्र 500 रुपए की लेट फीस के साथ दाखिल कर सकते हैंI कोई भी कर देयता नहीं होने पर पूरी लेट फीस माफ कर दी गई हैI यह स्कीम भी 30 जून 2023 तक ही वैध है। जीएसटी के प्रावधानों के तहत किसी करदाता पंजीयन निरस्ती पर उन्हें GSTR 10 यानी फाइनल रिटर्न फाइल करना होता है। परंतु कई लोग ऐसा करने से चूक गए थे और ऐसी दशा में लेट फीस के राशि 10 हजार रूपए तक की हो गई थी। ऐसे लोगों के लिए भी नई स्कीम के तहत मात्र 1000 रुपए में यह रिटर्न फाइल करने के लिए 30 जून 2023 तक स्कीम लाई गई है।
पंजीयन निरस्त तो वह भी होंगे बहाल
इसी प्रकार वर्तमान में किसी करदाता द्वारा रिटर्न फाइल नहीं करने या अन्य किसी कारण से पंजीयन निरस्ती पर उसे पुनर्जीवित्र करने में काफी परेशानी आ रही थीI सरकार द्वारा ऐसे केसेस जहां यदि किसी करदाता का पंजीयन, रिटर्न न फाइल करने की वजह से, 31 दिसंबर 2022 या उसके पहले निरस्त कर दिया गया, तो वह पंजीयन को फिर से चालू करवाने के लिए 30 जून 2023 तक कभी भी आवेदन कर सकते हैं। यह स्कीम उन सभी के लिए है जिनका पंजीयन 2017 से लेकर दिसंबर 2022 की अवधि में कभी भी निरस्त हुआ हो।
यह भी नए बिल में दी गई है राहत
- पहले GST के नियमों के उल्लंघन में यदि 1 करोड़ से 2 करोड़ तक की टैक्स चोरी होती थी तो 1 वर्ष तक की कैद का प्रावधान था। अब यह हटा दिया गया है, हालांकि फर्जी बिलों के मामले में अभी भी कैद का प्रावधान है।
इनपुट टैक्स क्रडिट के प्रावधानों में भी छूट मिले
एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए शैलेन्द्र सिंह सोलंकी ने सरकार द्वारा रिटर्न दाखिल करने में देरी पर पेनल्टी में दी गयी राहत के लिए प्रसन्नता जाहिर की ! परन्तु निरस्त किए गए रजिस्ट्रेशन को पुर्नजीवित करने पर पेनल्टी और इनपुट टैक्स क्रडिट के प्रावधानों में भी छूट देने का आग्रह किया ताकि इसका सही लाभ करदाता तक पहुंच सके! कार्यक्रम का संचालन सीजी एसटी सचिव सीए कृष्ण गर्ग ने किया। कार्यक्रम में सीए एसएन गोयल, सुनील पी जैन, प्रखर गोयल, एससी बंसल, पियूष वोहरा, स्वप्निल जैन के अलावा बड़ी संख्या में अधिवक्ता, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स एवं कर सलाहकार उपस्थित थे !