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भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार ने सिलेबस में रामचरित मानस को जोड़ने का फैसला लिया है। इसकी जानकारी उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने 13 सितंबर को एक आदेश जारी करके दी। इस आदेश के मुताबिक, विभाग ने 'रामचरित मानस का व्यावहारिक दर्शन' नाम से एक सिलेबस तैयार किया है। इसका पेपर 100 नंबर का होगा। यह एक ऑप्शनल कोर्स रहेगा। यानी छात्र इस कोर्स को लेने के लिए बाध्य नहीं होंगे।
अच्छे समाज का निर्माण होगा- उच्च शिक्षा मंत्री
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (Mohan yadav) ने कहा कि रामचरित्र मानस सब्जेक्ट पढ़ाने का फैसला इसी सत्र से लागू किया जा रहा है। हमारी युवा पीढ़ी रामचरित मानस (Ramcharit manas) को पढ़ेगी तो मर्यादा पुरुष राम के बारे में जानेगी। इससे अच्छे समाज का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि राम हमारे आराध्य हैं, उनके बारें में युवा पीढ़ी जाने यह बेहद जरूरी है। लेकिन पूर्व सरकारों ने रामचरित का ज्ञान युवा पीढ़ी को कराने पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस सिर्फ एक वर्ग विशेष की राजनीति करती है।
राम के नाम से सियासी फायदा लेने की कोशिश- कांग्रेस
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा (PC sharma) ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि रामचरित मानस के जरिए बीजेपी (BJP) सियासी फायदा लेना चाहती है। कॉलेजों में सभी धर्म के स्टूडेंट होते हैं, इस तरीके से रामचरित मानस पढ़ाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि राम का चरित्र प्रत्येक हिंदू के चरित्र में समाया हुआ है। इसको पढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है।