मनोज चौबे, GWALIOR. ग्वालियर में डबरा ब्लॉक की 68 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों में लगातार डेंगू, मलेरिया और नॉर्मल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सुविधाएं तो उपलब्ध कराई हैं। लेकिन उन सुविधाओं को अमलीजामा धरातल पर नहीं पहनाया जाता जिससे जो सुविधाओं का फायदा ग्रामीणों को मिलना चाहिए वो नहीं मिल पाता ऐसे में एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग गांवों के लोगो के लिए सिविल हॉस्पिटल में मलेरिया- डेंगू विभाग एक्शन मोड में आ गया है।
मलेरिया-डेंगू की रोकथाम के लिए आशा कार्यकर्ताओं को किया प्रशिक्षित
मलेरिया-डेंगू की रोकथाम के लिए अनुभाग में पदस्थ सभी आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया डेंगू के परीक्षण के लिए हर गांव का कोड वार जारी किया है। हॉस्पिटल के मलेरिया विभाग अधिकारी ने आशा कार्यकर्ताओं को डेंगू मलेरिया की जानकारी दी। साथ ही मलेरिया किट का उपयोग किस प्रकार करना है। गांवों में घूम कर डेंगू-मलेरिया से बचाव के उपाय प्रचार-प्रसार के माध्यम से घर-घर पहुंचाए जाएं इस पर विशेष दिशा-निर्देश आशाओं को दिए गए हैं। सभी आशाओं को मलेरिया किट के साथ प्रचार-प्रसार का सामान इसके साथ ही मलेरिया की जांच के लिए बांटी गईं।
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बीते साल जिस क्षेत्र में मरीज मिले वो हाईरिस्क इलाका
ब्लॉक में बीते साल जिन क्षेत्रों में मलेरिया डेंगू के मरीज निकले थे उन्हें हाई रिस्क क्षेत्र की सूची में शामिल किया गया है। ऐसे क्षेत्रों में मलेरिया डेंगू का लार्वा नष्ट करने के लिए सभी आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है। क्षेत्र के सभी शासकीय भवनों पर डेंगू मलेरिया से बचाव के नारे लेखन, पम्प्लेट्स आदि चस्पा कराये जा रहे हैं।
मलेरिया निरीक्षक ने दी जानकारी
मलेरिया निरीक्षक कौशल त्रिवेदी ने मीडिया को बताया कि हमारे पास मलेरिया निरोधक सामग्री की कोई कमी नहीं है और क्षेत्र में डेंगू-मलेरिया की रोकथाम का सबसे मजबूत तन्त्र प्रचार-प्रसार के मध्यम से आम जनमानस तक जागरुकता का संदेश फैलाना है। डेंगू मलेरिया से बचाव का सबसे अच्छा साधन जानकारी है लेकिन बाबजूद उसके मरीज लगातार बढ़ रहे हैं और लोग डेंगू,मलेरिया और मौसमी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं जिससे साफ नजर आता है कि जो योजना है वो बिभाग तक तो रही है लेकिन ग्रामीणों तक नही पहुंच पा रही है।