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देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर में सोमवार ( 21 नवंबर) को दिनदहाड़े हुई 1.20 करोड़ रुपए की लूट का पुलिस ने 6 घंटे में ही न केवल खुलासा कर दिया बल्कि लूट में शामिल तीनो आरोपियों को दबोच भी लिया और उनके द्वारा लूटी गई पूरी रकम बरामद कर ली। कंपनी के एक कर्मचारी ने अपने साथियों के साथ मिलकर लूट की प्लानिंग की थी। पुलिस ने लुटेरा सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिसकी तलाश की जा रही है।
पहले योजना बनाई फिर लूट की रिहर्शल भी की
बताया जा रहा है कि हर सप्ताह यही दोनों कर्मचारी मोटी रकम लेकर कंपनी दफ्तर से बैंक जाते थे, लेकिन बार-बार इतनी रकम ले जाने पर इनकी नीयत डोल गई। जिसके बाद इन्होंने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर शहर की सबसे बड़ी लूट की प्लानिंग कर उसे अंजाम तक पहुंचाया। अब तक कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने दो दिन पहले रकम लूटने की प्लानिंग की फिर मौके पर आकर रिहर्शल भी की ताकि घटना को फुल प्रूफ करके पुलिस को कहानी में फंसाया जा सके।
खुद के जाल में फंसे आरोपी
आरोपियों ने पैसे लूटने और फिर उन्हें महाराजपुरा इलाके में बंटवारा स्थल तक पहुंचाने की प्लानिंग और टाइमिंग तो एकदम सही रिहर्शल कर ली लेकिन वे फेस एक्सप्रेशन के मामले में फेल हो गए और यही उनके पकड़े जाने की वजह बन गई। दरअसल जैसे ही लूट हुई वैसे ही पुलिस अफसरों की एक टीम CCTV फुटेज खंगालने में जुट गई। घटना का लाइव फुटेज देखकर पुलिस चौंक गई क्योंकि इसमें लूट की वारदात में न लुटेरे आक्रामक हैं और न लुटने वाले कुछ कर रहे है। लूट में विरोध न करना और बीच बाजार में आराम से लुट जाने पर पुलिस को संदेह हुआ।
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मास्टर माइंड हिरासत में
सीसीटीवी फुटेज मिलते ही रिपोर्ट लिखाने थाने ले गए प्रमोद गुर्जर को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। पहले वह अपने को अनजान बताता रहा लेकिन सख्ती करने पर वह टूट गया। दरअसल वह ही इस घटना का सबसे बड़ा मास्टर माइंड था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने दो और आरोपियों को दबोच लिया और सारे रुपए भी बरामद कर लिए।
पहली बार डेढ़ करोड़ जमा करने आए थे
प्रमोद गुर्जर हरेंद्र ट्रेडिंग कंपनी पर बीते पांच वर्षों से 10 हजार रुपए माहवार तनख्वाह पर ड्राइवर के रूप में नौकरी करता है। प्रमोद ही सदैव बैंक में नकदी जमा करने आता था। कंपनी के संचालक मेहताब सिंह ने बताया कि सामान्यतया बीस से तीस लाख की रकम ही जमा करने भेजी जाती थी लेकिन पहली बार डेढ़ करोड़ की रकम जमा करने भेजी गई थी। इन लोगों ने साढ़े दस बजे बैंक ऑफ बड़ौदा की जयेंद्र गंज शाखा पहुंचकर तीस लाख रुपए जमा कर दिए । बाकी 1.20 करोड़ रुपए बाद में जमा कराने की बात कहकर चले गए। इसके बाद वे कार को छप्पर वाले पुल की तरफ वाली गली में ले गए और पानी की टंकी के पास अपनी स्क्रिप्ट के आधार पर लूट की इस कहानी के अनुसार घटना को अंजाम दिया।
ऐसे हुई ग्वालियर में लूट की सबसे बड़ी घटना
लूटी गई रकम का हिस्सा करके आरोपी भाग पाते इससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए। ग्वालियर में एक करोड़ रुपए लूटने की यह अब तक की सबसे बड़ी और पहली घटना थी। यही वजह थी कि इसकी सूचना मिलते ही पुलिस के होश उड़ गए। एडीजी ,एसपी से लेकर सभी पुलिस अफसर और सभी टीआई न केवल मौके पर पहुंचे बल्कि सभी थानों की पुलिस स्वयं ही अपने स्तर पर सक्रीय हो गई थी। जब तक टीम बनाई गई उसके पहले ही अधिकारी अलग-अलग कामों में लग गए थे और यही वजह थी कि घटना की सूचना मिलने के महज बीस मिनिट में पुलिस सीसीटीवी फुटेज हासिल कर चुकी थी और यही इस लूट के खुलासे के सबसे प्रमुख आधार बना।
ऐसे दिया घटना को अंजाम
एसएसपी आमित सांघी ने बताया कि मेहताब सिंह गुर्जर ट्रांसपोर्टर हैं। उनका डीडी नगर में हरेन्द्र ट्रेडिंग नाम से कंपनी का दफ्तर है और इस कंपनी में बाल किशन साहू भी साझेदार हैं। यहां प्रमोद गुर्जर व सुनील शर्मा कर्मचारी हैं। कल सुबह कंपनी के कर्मचारी, कंपनी की कार हुंडई वरना MP07 CF-6430 से इंदरगगंज बैंक ऑफ बडौदा के लिए निकले थे। डिक्की में उन्होंने रुपयों से भरा कार्टन रख लिया। जिसमें 1.20 करोड़ रुपए थे, जबकि 30 लाख रुपए कार की सीट पर एक बैग में रखे थे। यह दो दिन शनिवार (19 नवंबर) और रविवार (20 नवंबर) का कलेक्शन था। दोपहर में जैसे ही यह कर्मचारी बैंक के पास छप्परवाला पुल से राजीव प्लाजा वाली गली में पहुंचे थे, तभी वहां दो लुटेरों ने कट्टा अड़ाकर कार की डिक्की खुलवाई और रुपयों से भरा कार्टन लूटकर ले गए। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पड़ताल शुरू कर दी है। प्रारंभिक पड़ताल में पुलिस कर्मचारियों पर ही संदेह कर रही थी और महज पांच छह घण्टे में पुलिस ने इस सनसनीखेज और ग्वालियर में हुई अब तक की सबसे बड़ी रकम की लूट का न केवल पर्दाफाश कर दिया बल्कि आरोपियों को दबोचकर पूरी रकम भी बरामद करने में सफलता हासिल कर ली।
मंत्री नंगे पांव सम्मान करने पहुंचे
लूट की सनसनीखेज वारदात का खुलासा होने की सूचना मिलने पर ऊर्जा मंत्री प्रघुम्न सिंह तोमर नंगे पैर ही एसपी ऑफिस पहुंचे। उन्होनें इस ऑपरेशन में महती भूमिका निभाने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मान के तौर पर एक-एक हजार रूपए का नगद पुरस्कार दिया । इसके अलावा घटना स्थल पर पहुंचे एडीजी डी श्रीनिवास वर्मा ने लुटेरों की गिरफ्तारी पर 25 हजार के नकद इनाम की घोषणा की थी । एसएसपी ने बताया कि यह राशि भी टीम को बांटी जाएगी।