देव श्रीमाली, GWALIOR. शहर के एकदम मध्य में स्थित सैलानियों की आवाजाही के लिए प्रसिद्ध फूलबाग से सटे गांधी प्राणी उद्यान के सामने आधी रात को की गई एक भयाभय तांत्रिक पूजा के चलते सनसनी तो फैली ही बल्कि डर और अनिष्ट की आशंका का भी माहौल है। यह पूजा किसने और किसके लिए की है। इसके बारे में फिलहाल कुछ भी जानकारी नहीं मिल सकी है लेकिन स्मार्ट सिटी के महत्वपूर्ण क्षेत्र में की गई इस तांत्रिक क्रिया के कारण लोग दहशत में जी रहे हैं।
भय इतना कि नगर निगम कर्मियों ने कचरा उठाना छोड़ा
इस तांत्रिक पूजा का जहां सामान पड़ा है वहां दशहत के कारण लोगों ने आवाजाही छोड़ दी है। भय या कदर है कि नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने वह पूजा सामान तो उठाया ही नही आसपास के क्षेत्र की सफाई करने से भी इनकार कर दिया और अपने अधिकारियों को लिख भेजा कि जब तक इस पूजा स्थल को साफ नहीं किया जाता है।तब तक वे यहां पर सफाई नहीं करेंगे।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक का केंद्र है यह क्षेत्र
तांत्रिक ने पूजा के लिए जो तिराहा चुना वह काफी व्यस्त क्षेत्र है। इसके सामने ही गांधी प्राणी उद्यान है। इसे देखने बड़ी संख्या में बच्चे अपने अभिभावकों के साथ रोज आते हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में नागरिक जिनमे बुजुर्ग ज्यादा रहते हैं इसी क्षेत्र मे मॉर्निंग और इवनिंग वाक करने आते है और पास ही बच्चों का एएमआई शिशु मंदिर स्कूल और सिन्धिया का जयविलास पैलेस भी है।
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कैसे पता चला
इस पूजा स्थल एवं तंत्र क्रिया को देखकर लोग दूर से ही वहां से चले गए । कुछ लोग पास बने गोपाल मंदिर के पुजारी के पास पहुंचे तब उन्होंने लोगों को हिम्मत करके समझाया बुझाया और इससे दहशत में नहीं आने को कहा। लेकिन लोग वहां पड़ी अजीबोगरीब पूजा सामग्री देखकर भयभीत हो गए और सभी ने उधर जाना बंद कर रखा है।
मारण या वशीकरण की तांत्रिक पूजा का अनुमान
पास ही स्थित गोपाल मंदिर के पुजारी का इतना जरूर कहना है कि यह तांत्रिक पूजा किसी के लिए मारक अथवा वशीकरण के लिए की गई है। क्योंकि यहां मिट्टी के कई पुतले यहां बने हुए मिले हैं सात नारियल गोलों पर भी विशेष अनुष्ठान एवं हवन किया गया है। एक बड़े से वर्गाकार में कई दीपक भी जलाए गए हैं। पूजा स्थल पर महिला के बाल चप्पल साडी़ए पुतले और अन्य पूजा की सामग्री मिलने से जानकार बताते हैं कि यह बेहद घातक क्रिया किसी को ऊपर की गई है जिसमें संबंधित लोगों पर मसान तांत्रिक क्रिया और वशीकरण हो सकता है। पुजारी का यह भी कहना है कि आधी रात को अज्ञात लोगों द्वारा इस तरह के घटनाक्रम को अंजाम दिया गया है।हैरानी की बात यह है कि यह तांत्रिक क्रिया करीब एक से डेढ़ घंटे तक चली होगी इस बीच ना तो यहां से पुलिस की कोई मोबाइल वैन गुजरी और ना ही अन्य लोगों ने इसे देखा। सुबह होने पर ही लोगों को इस पूजा का पता चला।
सीसीटीवी से नही मिला सुराग
लाल बाल पाल के प्रतिमा स्थल के ठीक नीचे यह क्रिया की गई है। प्रतिमा स्थल के ठीक ऊपर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है लेकिन खंबे के नीचे बैठकर यह तांत्रिक क्रिया की गई है जिससे पूजा करने वाले लोगों का सुराग मिलना फिलहाल मुश्किल दिखाई दे रहा है।