देव श्रीमाली, GWALIOR. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने आज ग्वालियर में कचरा प्रबंधन के मामले को लेकर सरकार और नगर निगम के अफसरों को जमकर फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणियां करते हुए कहा है, कचरा प्रबंधन के मामले में ग्वालियर शहर की हालत दयनीय है। देश-विदेश के पर्यटक आते हैं, इससे ग्वालियर छवि खराब होती है। जबकि कचरा प्रबंधन के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। हाईकोर्ट ने इसकी नियमित मॉनिटरिंग के लिए एक कमेटी भी बनाई है जिसमे दो सीनियर एडवोकेट्स को भी शामिल किया गया है।
कोर्ट बोला- इंदौर से क्यों नही सीखते
ग्वालियर में व्याप्त भीषण गंदगी और कचरा प्रबंधन के नाम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते नए शहर को स्वच्छ बनाने के लिए हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में आज सुनवाई थी। याचिकाकर्ता एडवोकेट उमेश बोहरे ने बताया कि उन्होंने याचिका के जरिये हाईकार्ट के ध्यान आकृष्ट किया कि 2019 से 2022 तक कचरा प्रबंधन के नाम पर नगर निगम में बहुत भ्रष्टाचार हुआ लेकिन शहर गंदगी की ही चपेट में है । उन्होंने याचिका में पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने आज सुनवाई के दौरान कोर्ट बहुत सख्त रहा उसने सरकार और नगर निगम से पूछा कि वे इंदौर से कचरा प्रबंधन में नगर निगम क्यों नहीं सीखते है।
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यह टीम की गठित
एडवोकेट उमेश बोहरे ने बताया कि हाईकोर्ट ने ग्वालियर नगर निगम के कचरा प्रबंधन के मामले में जांच टीम गाठित कर दी है। जिसमें हाईकोर्ट के दो सीनियर एडवोकेट, कलेक्टर, कमिश्नर, पॉल्यूशन बोर्ड को बनाया मेंबर बनाया गया है। जिनसे 26 फरवरी कचरा प्रबंधन के मामले में रिपोर्ट तलब की गई है।