ग्वालियर मेयर शोभा सिकरवार की अनूठी पहल, शहर के रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट, विशेषज्ञों और व्यापारियों से जाना कि कैसे करें विकास

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Pratibha Rana
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ग्वालियर मेयर शोभा सिकरवार की अनूठी पहल, शहर के रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट, विशेषज्ञों और व्यापारियों से जाना कि कैसे करें विकास

देव श्रीमाली, GWALIOR. नगर निगम ग्वालियर की मेयर डॉ शोभा सिकरवार ने शहर को समस्याओं से मुक्ति दिलाने और शहर के विकास के लिए एक अनूठा प्रयास किया है। उन्होंने समाज के विभिन्न लोगों की एक अशासकीय सलाहकार समिति का गठन किया है। इसमें  शहर में रहने वाले रिटायर ब्यूरोकेट ,व्यापारी,सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल किया है। उन्होंने इसकी पहली बैठक कर उनके सुझाव जाने लेकिन चुनावी साल में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रमुख लोगों के कांग्रेस की मेयर से जुड़ने से बीजेपी में बेचैनी है। 



पहली बैठक में दिए सबने सुझाव



ग्वालियर नगर के विकास एवं नगर की भविष्य की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए दूरगामी नियोजन एवं नगर के विभिन्न क्षेत्रों की आधारभूत समस्याओं और शिकायतों के निराकरण के लिए जन सहभागिता सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से महापौर शोभा सिकरवार द्वारा गठित नगर निगम अशासकीय सलाहकार समिति की पहली बैठक बाल भवनके टीएलसी कक्ष में उनकी अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें गठित समिति के सदस्यों से शहर विकास के लिए अपने-अपने सुझाव दिए। 



पूर्व कमिश्नरों ने दिए ये सुझाव



गठित समिति में पूर्व आई.ए.एस.बीएम शर्मा ने सुझाव देते हुए शहर की सड़कों को लेकर कहा कि जितनी सडकें बनाई जाती हैं, अगले दिन किसी न किसी काम को लेकर उस सड़क को खोद दिया जाता है। सडकों का डिजायन इस तरह बनाए कि उन पर जल भराव न हो। सीमेंट कंक्रीट की सड़कों पर ज्यादा फोकस रहे। साथ ही कहा कि दो चरणों में बैठक आयोजित की जाए। प्राथमिकता के आधार पर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पहले बैठक हो। इसके बाद शहर विकास की योजनाओं को लेकर बैठक आयोजित की जाए। पूर्व आईएएस  विनोद शर्मा ने कहा कि इस समिति में सभी तरह के लोगों को शामिल किया गया है। इसलिए सभी अपने-अपने अनुभव के आधार पर शहर का कैसे विकास कर सकते हैं। इसके लिए सभी सुझाव लिखित में भी दें। इससे उनपर अमल हो सके। साथ ही गंदगी, सडकें खोदने, पानी या पेड़ काटने वालों पर जुर्माना न करते हुए कोर्ट का चालान बनाए। साथ ही सभी घरों पर जीपीएस सिस्टम अपनाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा सम्पत्तिकर जमा हो सके और शहर में विकास कार्य आसानी से हो सके। 



बढ़ती आबादी के लिए रिंग रोड और पार्किंग बने



पूर्व आईएएस आरके जैन ने सुझाव देते हुए कहा कि जो भी विकास काम किए जा रहे हैं, उनकी समय सीमा निर्धारित हो। शहर बढ़ रहा है उसके लिए रिंग रोड बनाई जाए, जिससे ट्रैफिक को कंट्रोल किया जा सके। इसके साथ ही शहर में सुनियोजित पार्किंग की व्यवस्था की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। पूर्व आईएएस  अखलेन्दू अरजरिया ने सुझाव देते हुए कहा कि बाजारों में पार्किंग की बहुत बड़ी समस्या है। कॉलोनियों में भी पार्किंग की व्यवस्था होना चाहिए, घरों के बाहर वाहन न खड़े रहें। 



मुहल्लों के बाहर लगे बोर्ड पर लिखे जाएं अफसरों के नाम



पुरातत्व विभाग के प्रो.आर.ए शर्मा ने सुझाव दिया कि हर मौहल्ले, कॉलोनियों में बोर्ड लगाए। उस पर उस क्षेत्र के संबंधित अधिकारी का नाम दर्ज हो और वह क्या काम करता है। वह भी अंकित हो, जिससे क्षेत्र की जनता को किसी भी काम के लिए परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। वन सरंक्षक आईएफएस ओपी उचाडिया ने अधिक से अधिक वृक्षा रोपण किए जाने के लिए सुझाव दिया। साथ ही कहा कि बर्सात से पहले वृक्षा रोपण की प्रोपर प्लानिंग हो। पूर्व संयुक्त संचालक कोषालय दिनेश बाथम ने कहा कि शहर में जहां भी नई-नई कॉलोनियां बनाई जा रही हैं। वहा फोर लेन सड़कों का निर्माण होना चाहिए। इससे भविष्य में ट्रेफिक समस्या न रहे। पूर्व मुख्य अभियंता  आरएल भारतीय ने सुझाव देते हुए कहा कि शहर में पहले एक सेम्पल रोड बनाए, जहां हर तरफ हरियाली हो सभी व्यवस्थायें व्यवस्थित हो, उसी रोड को दिखाकर शहर में अन्य रोडों को बनाए। 



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जल भराव रोकने सुझाया ये उपाय



रिटा.कार्यपालन यंत्री  मोहर सिंह जादौन ने सुझाव देते हुए कहा कि सड़क बनाने से पहले नालियों का डिजाइन बनाए। अगर नाली का डिजायन नहीं बनाएंगे तो सडकों पर ही पानी भरा रहेगा, जिससे कम समय में ही सडक खराब हो जाती है। सड़क की लाइफ बनाने के लिए नाली जरूर बनायें। हम एलिवेटेड रोडों पर ज्यादा फोकस करें, जिससे रोडें कम खराब होंगी। इसके साथ ही सेल्फ क्लीनिंग वेलोसिटी के हिसाब से काम  करें।



आर्किटेक्ट बोले-मैक्रोप्लानिंग के जरिए हो विकास



आर्किटेक्ट अतुल पाठक ने सुझाव दिया कि शहर विकास के लिए माइक्रो प्लानिंग करें। सभी डिपार्टमेंट के साथ समनवय बनाकर काम करें। इससे पैसे की भी बचत होगी। सेवा निवृत कार्यपालन यंत्री बीएस गुर्जर ने सुझाव देते हुए कहा कि पार्कों में टॉयलेट की प्रोपर व्यवस्था हो, जिससे घूमने जाने वाला व्यक्ति गंदगी न करे। इसके साथ ही शहर के प्रमुख बाजारों में भी टॅायलेट नहीं है। सड़कों को पार करने के लिए ब्रिज की बजाए अंडर पास बनाए। इससे बुजुर्ग व महिलाओं को निकलने में आसानी हो। 



ये भी आए महत्वपूर्ण सुझाव



दाल बाजार समिति के अध्यक्ष गोकुल बंसल ने शहर विकास के लिए पूरा सहयोग देने के लिए सहमति दी। रिटा.अधीक्षण यंत्री नगर निगम प्रेम कुमार पचौरी ने सुझाव दिया कि अमृत व स्मार्ट सिटी के कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए एक ही अधिकारी निगम का हो तभी कार्य अच्छा और कम समय में होगा। उद्योगपति  मुकेश अग्रवाल ने सभी रिटा.आईएएस के मार्गदर्शन में कमेटी बनाकर कार्य करने के लिए कहा। अध्यक्ष व्यापारी संघ मुरार  पारस जैन ने ट्रेफिक व्यवस्था को सुदृण करने के लिए सभी दुकानदारों को पार्किंग में अपना वाहन खड़ा करने के लिए सुझाव दिया। वर्षों से गलियों में पुराने वाहन खडे हैं, उनको हटायें के लिए भी कहा। उद्योगपति अशोक गोयल ने कहा जो सिटी स्वच्छता में अव्वल आ रहीं हैं। वहां अधिकारी जाए और वहां की कार्यप्रणाली देखें। अध्यक्ष केट  भूपेन्द्र जैन ने ट्रिपल पी मॉडल पर शहर का विकास किए जाने और महाराज बाडे पर लेडिज टॉयलेट बनाए जाने के लिए सुझाव दिया। पूर्व आईएएस  हरि सिंह यादव ने जो सुझाव दिए हैं, उन पर सही तरीके से काम किए जाने और उनकी मॉनिटरिंग किए जाने के लिए सुझाव दिया। एडवोकेट प्रशांत शर्मा ने आमजन की मूलभूत सुविधाओं पर कार्य करने के लिए सुझाव दिया। निगम अधिकारी ग्रांउड वर्कर की समस्या सुने और उसका निराकरण करें।  निगमायुक्त  किशोर कन्याल ने कहा कि शहर विकास के लिए हमें कडे डिसीजन लेने पड़ेगें। तभी हमें शहर का विकास कर पाएंगे। आप हमें सुझाव लिखित भी दें, जिससे हम उन पर अमल करें। सभी स्वच्छता में सहयोग करें, जिससे हमारा शहर स्वच्छता में अव्वल आ सके।


Gwalior News Mayor of Gwalior Dr. Shobha Sikarwar Shobha Sikarwar unique initiative Shobha formed committee ग्वालियर की मेयर डॉ शोभा सिकरवार शोभा सिकरवार की अनूठी पहल शोभा ने किया समिति का गठन पहली बैठक  में दिए सबने सुझाव शहर की विकास के लिए बैठक