5वीं-8वीं का रिजल्ट देखने घंटों करना पड़ा इंतजार, वेबसाइट धीमी; सरकारी स्कूलों ने मारी बाजी, फेल छात्रों को पूरक के साथ एक और मौका

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BP Shrivastava
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5वीं-8वीं का रिजल्ट देखने घंटों करना पड़ा इंतजार, वेबसाइट धीमी; सरकारी स्कूलों ने मारी बाजी, फेल छात्रों को पूरक के साथ एक और मौका

अजय छाबरिया/ब्रजेश शर्मा, BHOPAL/NARSINGHPUR. मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की 5वीं और 8वीं के परीक्षा परिणाम में लड़कों की अपेक्षा लड़कियों ने बाजी मारी है। मंडल द्वारा सोमवार, 15 मई को कक्षा 5वीं का रिजल्ट दोपहर साढ़े बारह बजे जारी हुआ। रिजल्ट में इस बार सरकारी स्कूलों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या से अधिक पास हुए। कक्षा 5वीं में कुल 11 लाख 79 हजार 883 बच्चों ने परीक्षाएं दीं। जिनमें से 9 लाख 70 हजार 701 छात्र पास हुए। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि परीक्षाओं में असफल हुए छात्रों को पूरक परीक्षाओं के साथ दूसरा मौका और दिया जाएगा। यानी फेल छात्र जून में होने वाली पूरक परीक्षा के साथ एक अवसर का और लाभ ले सकेंगे। 



वेबसाइट धीमी चली



कक्षा 5वीं का रिजल्ट ऑनलाइन माध्यम से एमपी बोर्ड की ऑफिसियल वेबसाइट पर जारी तो कर दिया, लेकिन एमपी बोर्ड की वेबसाइट की रफ्तार इतनी धीमी रही की बच्चे अपना रिजल्ट देखने के लिए घंटों तक स्क्रीन पर निगाहें गड़ाए बैठे रहे। 



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लड़कियां  फिर अव्वल 



कक्षा 5वीं  में लड़कियों का रिजल्ट लड़कों के मुकाबले अच्छा रहा। रिजल्ट में 84.32 प्रतिशत लड़कियां पास हुईं, जबकि 80.34 प्रतिशत लड़के पास हुए। लड़कों की तुलना में लड़कियां का रिजल्ट 4 प्रतिशत अधिक रहा।



82 प्रतिशत से अधिक बच्चे हुए पास 



कक्षा 5वीं की परीक्षा में 8 लाख से अधिक बच्चे शामिल हुए थे। जिनमें से 82.27 प्रतिशत बच्चे हुए पास हुए। स्कूलों की बात की जाए तो सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 84.34 और प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट 79.07 प्रतिशत रहा। जबकि मदरसों का रिजल्ट 62 प्रतिशत रहा। इस हिसाब से सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन अच्छा रहा। 



गांव के स्कूलों ने शहर के स्कूलों को पछाड़ा 



इस बार 5वीं के रिजल्ट में  ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों का खास परफॉर्मेंस रहा। कक्षा 5वीं के रिजल्ट में 85 प्रतिशत बच्चे ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों से पास हुए, जबकि शहर के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का 73 प्रतिशत परिणाम रहा। जो ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों से 13 प्रतिशत कम रहा। 



8वीं का रिजल्ट 76.09 प्रतिशत रहा



कक्षा 8वीं का रिजल्ट इस बार पिछले साल की तुलना में काम रहा है। इस साल 76.09 प्रतिशत छात्र पास हुए। जबकि पिछले साल 82 प्रतिशत छात्र पास हुए थे। इस बार के रिजल्ट से तुलना की जाए तो सीधे तौर पर 6 प्रतिशत की कमी आई है। 



फेल छात्रों की परीक्षा भी पूरक परीक्षाओं के साथ जून में 



स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि जो विद्यार्थी आज घोषित हुए 5वीं और 8वीं के परिणाम में असफल हुए हैं वे निराश ना हों, उन्हें दूसरा अवसर दिया जाएगा और जून माह में ही उनकी पूरक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।



5वीं में पहला और 8वीं में दूसरे स्थान पर नरसिंहपुर



मप्र में कक्षा 5वीं और 8वीं बोर्ड पैटर्न वार्षिक परीक्षाओं का रिजल्ट में नरसिंहपुर जिले टॉप में शामिल हुआ। स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने रिजल्ट घोषित किया। परीक्षा परिणाम में नरसिंहपुर जिला प्रदेश के उन 10 जिलों में सबसे अब्बल है जहां परीक्षा परिणाम बेहतर है। पांचवीं बोर्ड की परीक्षा में प्रदेश में नरसिंहपुर जिला पहला और आठवीं बोर्ड में दूसरे स्थान हासिल किया। संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में हुए संशोधन के बाद बोर्ड पैटर्न वार्षिक परीक्षा  में नरसिंहपुर जिला कक्षा पांचवी में सबसे आगे है। यहां 98.4% बच्चे सफल हुए जबकि दूसरे नंबर पर बड़वानी जिला रहा। यहां 91.7 फीसदी बच्चे पास हुए।  ए प्लस और ए ग्रेड में नरसिंहपुर में 27.5% बच्चे आगे आए। जबकि आठवीं बोर्ड में डिंडौरी जिला पूरे प्रदेश में सबसे आगे रहा। यहां 95.5% बच्चे उत्तीर्ण रहे। जबकि, नरसिंहपुर दूसरे स्थान पर रहा।

 यहां 95.4% सफल हुए। जबकि यहां ए प्लस व ए ग्रेड में आने वाले बच्चों का प्रतिशत 45.5% फीसदी रहा। आठवीं बोर्ड में ग्रेड के मामले में  नरसिंहपुर जिला प्रदेश में सबसे अव्वल है, जबकि टॉप 10 के अंतिम पायदान पर ग्वालियर रहा जहां-जहां ए प्लस या ए ग्रेड के बच्चे 29.4 फीसदी रहे।


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