Jabalpur. जबलपुर के रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी में एटीकेटी की परीक्षा में आधे से ज्यादा छात्र फेल हो गए थे। इतना बुरा रिजल्ट आने के बाद छात्र नेताओं ने जमकर हंगामा मचाया था। दबाव डालकर फिर से कॉपियों का मूल्यांकन कराया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने जब आंसरशीट्स का दोबारा असिस्मेंट कराया तो छात्रों की पोल खुल गई। बताया जा रहा है कि फेल हुए ज्यादातर छात्रों ने कॉपियां ही कोरी छोड़ दी थीं। कुछ ने उत्तर भी दिए तो सिरे से गलत पाए गए। दोबारा मूल्यांकन के बाद वे छात्र नेता बगलें झांक रहे हैं जो विश्वविद्यालय प्रशासन पर उंगलियां उठा रहे थे।
700 में से 400 फेल
दरअसल विश्वविद्यालय की पूरक परीक्षाा में 700 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। जिसमें से 400 से ज्यादा छात्र फेल हो गए थे। इस दौरान कुछ छात्रों ने नई शिक्षा नीति के तहत परीक्षा परिणाम बिगड़ने का आरोप लगाया था, विद्यार्थियों का कहना था कि नई शिक्षा नीति के तहत सब्जेक्ट में बदलाव हुए थे, लेकिन शिक्षकों द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत पढ़ाई नहीं कराई गई। जिससे रिजल्ट बिगड़ गया।
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विश्वविद्यालय की परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रश्मि टंडन मिश्रा का कहना है कि छात्रों के आरोप के बाद फिर से कॉपियां जंचवाई गई थीं। जहां मूल्यांकन सही पाया गया है। छात्र नेताओं के आरोप निराधार हैं। अनेक कॉपियां कोरी पाई गईं, ऐसे में छात्रों को फेल ही किया जाना था।
सुरक्षा व्यवस्था पूर्व सैनिकों के हवाले
बीते दिनों विश्वविद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठे थे, जिसके बाद विश्वविद्यालय परिसर और हॉस्टल में सुरक्षा व्यवस्था पूर्व सैनिकों के जिम्मे सौंप दी गई है। सुरक्षा में तैनात पूर्व सैनिकों को ताकीद दी गई है कि परिसर में किसी भी प्रकार की गुंडागर्दी या अव्यवस्था फैलाने वाले तत्वों को चाहे वह डे स्कॉलर हों या फिर हॉस्टलर्स उनसे सख्ती से निपटा जाए।