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इंदौर. प्रदेश के बड़े शहरों में मॉल और हाइराज बिल्डिंग के निर्माण में संचालक नियमों का उल्लंघन कर लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। इस संबंध में 8 अक्टूबर को एक याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट की बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता राजेंद्र गुप्ता की तरफ से दलील दी गई कि इस मामले में निर्देश मिलने के 22 महीनों के बाद भी सामान्य प्रशासनिक विभाग, एक विस्फोटक नियंत्रक, दो कमिश्नर, एक कलेक्टर जवाब नही दे पाए।
कोर्ट ने फटकार लगाई
याचिकाकर्ता की दलील से सहमत होते हुए कोर्ट ने विभागों की ओर से उपस्थित तीन वकीलों की फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि इतने गंभीर मामले में अब तक जवाब क्यों नही दिया? जिस पर वकीलों ने विभागों की तरफ से समय मांगा गया, कोर्ट ने विभागों को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का अंतिम अवसर दिया है।
लापरवाही के कारण जनहानि की संभावना-याचिका
याचिका में बताया गया कि राजधानी भोपाल (Bhopal), इंदौर, जबलपुर (Jabalpur), ग्वालियर (Gwalior) समेत प्रदेश के शहरों में बने मॉल, हाइराईज बिल्डिंगों (High-rise building) के संचालकों ने भूमि विकास नियम, नेशनल बिल्डिंग कोड, फॉयर सेफ्टी नियम, विस्फोटक अधिनियम का उल्लंघन किया गया है। कभी भी इन भवनों/मॉल (Mall) में विस्फोट होने या आग लगने का बड़ा खतरा है, जिससे बड़ी जनहानि होने की संभावना है।
निर्देशों के बाद भी कार्रवाई नहीं
पत्रकार और RTI कार्यकर्ता राजेन्द्र के.गुप्ता ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच (Highcourt Indore Bench) में एक याचिका दाखिल की थी। याचिका पर हाईकोर्ट डीबी बेंच ने PS GAD, PS नगरीय प्रशासन, अपर मुख्य सचिव गृह, कमिश्नर नगरीय प्रशासन, विस्फोटक नियंत्रक नागपुर, कलेक्टर इंदौर (Indore Collector), कमिश्नर नगर पालिका निगम इंदौर को नोटिस जारी किए है। गुप्ता के आवेदनों पर राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए, लेकिन इसके बाद भी अफसरों ने कार्रवाई नहीं की।