Damoh. दमोह जिले की पटेरा जनपद क्षेत्र के सदस्यों ने आज अपनी मांगें पूरी न किऐ जाने से नाराज होकर पटेरा जनपद पंचायत कार्यालय में ताला बंदी कर विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाज़ी की। इसके अलावा हटा में भी बड़ी संख्या में जनपद सदस्यों ने सामूहिक रूप से नारेबाजी कर प्रदर्शन किया और भवन में तालाबंदी की हालांकि सांकेतिक प्रदर्शन के कुछ देर बाद ताला खोल दिया गया।
बता दें जनपद सदस्यों ने अपने अधिकारों के हक में निर्माण कार्यो की राशि बढ़ाने, सबंधित जनपद क्षेत्र के सदस्य को ग्राम पंचायत स्तर पर सदस्य के लिए बैठने के लिए चेम्बर, कक्ष सहित ,ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण कार्यो में जनपद सदस्यों की अनुशंसा होने सहित कई बिंदुओं की मांग लगातार की जा रही है। जिसके लिए जनपद सदस्य पूर्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम ज्ञापन भी दे चुके हैं।
जनपद सदस्यों की प्रमुख मांगें
जनपद सदस्यों के विशेष कार्य की राशि कम से कम प्रत्येक जनपद सदस्य को 2500000 होना चाहिए, क्योंकि एक जनपद सदस्य के अधीनस्थ 3 या 4 ग्राम पंचायत या 10 से 12 गांव अधीनस्थ होते हैं। जनपद सदस्यों की राशि स्वयं के स्वामित्व की होनी चाहिए उसमें शासन से जो भी राशि स्वीकृत हो उस राशि की कार्य योजना स्वयं एक जनपद सदस्य की हो उसमें आपस में जनपद सदस्यों का जोड़ना ना हो। जनपद सदस्य के विकास कार्यों की राशि की निर्माण एजेंसी जनपद पंचायत होना चाहिए।
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जनपद पंचायत को अपने क्षेत्र की समस्याओं को सुनने के लिए उनके क्षेत्र की अधीनस्थ ग्राम पंचायतों में बैठक हेतु कुर्सी, टेबल, नाम एवं पद की नेम प्लेट के साथ व्यवस्था होना चाहिए क्योंकि हम उस गांव के लोगों के द्वारा मतों के आधार पर निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं। जनपद सदस्यों के अधीनस्थ ग्राम पंचायतों में होने वाली बैठकों एवं ग्राम सभा की बैठकों में आमंत्रण करने के साथ ग्राम पंचायत में होने वाले निर्माण कार्य के मूल्यांकन के प्रस्तावों में जनपद सदस्य की अनुशंसा लेने की अनिवार्यता हो। जनपद सदस्यों का वर्तमान में वेतन ना के बराबर है जिसको कम से कम 25000 मासिक किया जाए क्योंकि प्रत्येक जनपद सदस्य को 10 गांव का भ्रमण कर हितग्राहियों की समस्याओं का निवारण करना होता है ।
जबलपुर में भी किया प्रदर्शन
इधर जबलपुर में भी जनपद सदस्यों ने जनपद कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। बता दें कि जिला पंचायत अध्यक्षों द्वारा सीएम से मुलाकात के बाद सीएम ने कई घोषणाएं की थीं। जिसके बाद जनपद सदस्य भी अपनी मांगें पूरी करवाने पूरे प्रदेश में सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे हैं। उम्मीद यही है कि जैसे सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्षों की मांगें मान लीं वैसे ही इनका भी कुछ भला हो जाए।